नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वक़्फ़ अधिनियम 2025 (Waqf Act 2025) को 8 अप्रैल 2025 से पूरे देश में लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी है। यह नया कानून वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन, सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाया गया है। अधिनियम के लागू होने के साथ ही अब वक़्फ़ से जुड़ी सभी संपत्तियों, ट्रस्टों और धार्मिक स्थलों का संचालन एक तय मानक और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत होगा।
क्या है वक़्फ अधिनियम 2025?
वक़्फ़ अधिनियम 2025, पुराने वक़्फ़ कानूनों को संशोधित कर के लाया गया है। इसमें वक़्फ़ बोर्ड की शक्तियों और जिम्मेदारियों को पुनः परिभाषित किया गया है और वक़्फ़ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं।
प्रमुख प्रावधान
डिजिटल रजिस्ट्रेशन: सभी वक़्फ़ संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना अनिवार्य होगा।
ऑडिट और निगरानी: सालाना ऑडिट रिपोर्ट और स्वतंत्र निगरानी प्रणाली लागू की जाएगी।
अनाधिकृत कब्जे पर सख्ती: वक़्फ़ संपत्तियों पर अवैध कब्जे या उपयोग करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।
जनता की भागीदारी: स्थानीय लोगों को वक़्फ़ संपत्तियों के रखरखाव और विकास में भागीदार बनाने का प्रावधान।
नए विवाद निवारण तंत्र: वक़्फ़ से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए एक विशेष न्यायाधिकरण की स्थापना की जाएगी।
सरकार की मंशा
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस अधिनियम का उद्देश्य धार्मिक संस्थाओं और उनकी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, पारदर्शिता लाना और वक़्फ़ संपत्तियों के उचित उपयोग को बढ़ावा देना है। सरकार का कहना है कि इस कानून से न केवल वक़्फ़ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार होगा, बल्कि समुदाय को भी अधिक अधिकार और संरक्षण मिलेगा।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
हालांकि, कुछ विपक्षी दलों और धार्मिक संगठनों ने कानून के कुछ प्रावधानों पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि कानून को लागू करने से पहले व्यापक परामर्श किया जाना चाहिए था। सरकार ने आश्वासन दिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो संशोधन किए जाएंगे।
यह अधिनियम देश के सामाजिक और धार्मिक ढांचे पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। अब देखना यह होगा कि वक़्फ़ अधिनियम 2025 ज़मीन पर कितनी प्रभावी ढंग से लागू हो पाता है।