Home » Jharkhand Potato Supply : पश्चिम बंगाल ने झारखंड में आलू की आपूर्ति पर लगाई रोक, क्या और बिगड़ेगा आम जनता का बजट

Jharkhand Potato Supply : पश्चिम बंगाल ने झारखंड में आलू की आपूर्ति पर लगाई रोक, क्या और बिगड़ेगा आम जनता का बजट

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का मानना है कि आलू के निर्यात पर रोक लगाने से उनके राज्य के बाजारों में कीमतों को स्थिर किया जा सकेगा। पश्चिम बंगाल द्वारा आलू के निर्यात पर लगाए गए इस प्रतिबंध का असर झारखंड के किसानों पर भी पड़ सकता है।

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

कोलकाता/रांची: झारखंड के उपभोक्ताओं के लिए एक और बुरी खबर आई है। आलू, प्याज और लहसुन जैसे आवश्यक पदार्थों की कीमतें आसमान छूने के बाद अब पश्चिम बंगाल ने झारखंड समेत कुछ अन्य राज्यों से आलू की आपूर्ति पर रोक लगा दी है। इससे न केवल झारखंड के बाजार में आलू की कमी हो सकती है, बल्कि इसके कारण आलू की कीमतों में और वृद्धि होने की संभावना भी जताई जा रही है। इस कदम के पीछे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चिंता है कि अगर आलू और प्याज की कीमतें नियंत्रित नहीं हुईं तो इसके सीधे असर उनके राज्य के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।

आलू और अन्य सब्जियों की बढ़ती कीमतें

इन दिनों, जहां प्याज और लहसुन की कीमतें ऊंची हैं, वहीं आलू की कीमतों ने भी उपभोक्ताओं को परेशान कर दिया है। आलू के भाव बढ़ने से आम जनता का बजट बिगड़ चुका है, और अब ममता बनर्जी के इस कदम ने स्थिति को और पेचीदा बना दिया है। इस साल आलू के भाव में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है, जिससे घरेलू बजट पर असर पड़ा है। आलू की कीमतों में वृद्धि ने विशेष रूप से उन घरों को प्रभावित किया है, जो सब्जियों पर काफी निर्भर रहते हैं।

पश्चिम बंगाल का कदम: आलू के निर्यात पर रोक

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह कदम ओडिशा, झारखंड, बिहार, त्रिपुरा, असम और कुछ अन्य राज्यों में आलू की आपूर्ति रोकने के रूप में उठाया है। उनके अनुसार, यह कदम उन राज्यों में आलू और प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है। ममता बनर्जी का मानना है कि आलू के निर्यात पर रोक लगाने से उनके राज्य के बाजारों में कीमतों को स्थिर किया जा सकेगा। यह निर्णय पश्चिम बंगाल के कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक के बाद लिया गया।

ममता बनर्जी का यह डर है कि अगर आलू की आपूर्ति अन्य राज्यों से लगातार जारी रही तो उनके राज्य में यह स्थिति बिगड़ सकती है और उपभोक्ताओं पर दबाव बढ़ सकता है। यही कारण है कि उन्होंने अपने राज्य के बाजार की कीमतों को स्थिर रखने तक अन्य राज्यों से आलू की आपूर्ति पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

झारखंड पर असर: क्या होगी किसानों की स्थिति?

पश्चिम बंगाल द्वारा आलू के निर्यात पर लगाए गए इस प्रतिबंध का असर झारखंड के किसानों पर भी पड़ सकता है। झारखंड, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में सब्जियों का निर्यात करता है, और इन राज्यों में झारखंड के आलू की अच्छी मांग है। अगर झारखंड भी इस तरह का कदम उठाता है और आलू के निर्यात पर रोक लगाता है तो इसका असर यहां के किसानों की आय पर पड़ेगा। झारखंड के किसानों के लिए आलू की फसल से अच्छा मुनाफा होता है और वे इस फसल का एक बड़ा हिस्सा पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों को भेजते हैं।

अगर आलू के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो यहां के किसान अपने उत्पाद को बेचने के लिए संघर्ष कर सकते हैं। इसका न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ेगा, बल्कि इससे राज्य में आलू की कीमतों में भी उतार-चढ़ाव हो सकता है। अगर किसानों का आलू बेचना मुश्किल हो जाता है तो वे अपनी फसल को उतनी कीमत पर नहीं बेच पाएंगे, जिससे उनकी आमदनी प्रभावित हो सकती है।

आलू की कीमतों पर क्या होगा असर ?

इस कदम का प्रभाव झारखंड के बाजारों में आलू की कीमतों पर देखा जा सकता है। अगर आलू की आपूर्ति अन्य राज्यों से सीमित हो जाती है तो इससे झारखंड में आलू की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है। आम उपभोक्ताओं के लिए यह एक और परेशानी का कारण बन सकता है, क्योंकि पहले ही सब्जियों के दाम बढ़े हुए हैं।

इसके अलावा, अगर पश्चिम बंगाल की नीति के कारण अन्य राज्य भी इसी तरह के कदम उठाते हैं, तो आलू की कीमतों में और अधिक वृद्धि हो सकती है। इससे उपभोक्ताओं के घर का बजट और अधिक प्रभावित होगा और उनके लिए रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करना और कठिन हो जाएगा।

पश्चिम बंगाल का यह कदम आलू की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने के रूप में उठाया गया है, और इसका असर झारखंड समेत अन्य राज्यों पर हो सकता है। अगर आलू की आपूर्ति कम होती है तो इसका असर यहां के किसानों की आय और उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ेगा। साथ ही, आलू की बढ़ी हुई कीमतें पहले से ही परेशान आम जनता के लिए एक और मुश्किल खड़ी कर सकती हैं। अब यह देखना होगा कि अन्य राज्य इस स्थिति पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और क्या उन्हें भी आलू की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने के बारे में सोचना पड़ेगा।

Read Also- leafy Vegetables Stay Away :  पत्तेदार सब्जियों से रहें दूर, करेला, भिंडी और तोरई पर जोर

Related Articles