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West Bengal Violence : मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद स्थिति शांत, लेकिन धारा 163 अब भी लागू

मुर्शिदाबाद हिंसा: हालात नियंत्रण में, धारा 163 लागू, इंटरनेट सेवा बंद, अब तक 180 गिरफ्तार.

by Reeta Rai Sagar
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कोलकाता : पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोमवार को जानकारी दी कि मुर्शिदाबाद जिले के सुती, समसेरगंज, धूलियन और जंगीपुर के हिंसा प्रभावित इलाकों में अब स्थिति नियंत्रण में है और कहीं से किसी नई हिंसा की खबर नहीं मिली है। हालांकि, एहतियात के तौर पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत निषेध आज्ञा अब भी प्रभावी है।

मुर्शिदाबाद हिंसा : अब तक तीन मौतें, इंटरनेट सेवा निलंबित

शुक्रवार दोपहर से शुरू हुई इस हिंसा में अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और कई अन्य घायल हुए हैं। हिंसा के मद्देनजर प्रभावित इलाकों में इंटरनेट सेवा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही, मुख्य सड़कों पर सुरक्षा बलों द्वारा वाहनों की जांच की जा रही है।

मुर्शिदाबाद में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा

हिंसा की पृष्ठभूमि में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शामिल हैं, जिसने जिले में तनाव का माहौल बना दिया। पुलिस ने अब तक 180 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, इलाके में भारी पुलिस बल और केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

मुर्शिदाबाद हिंसा पर सियासी घमासान तेज

इस हिंसा को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि इस हिंसा से बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस दोनों को राजनीतिक लाभ मिलेगा। उन्होंने राज्य सरकार पर भी हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आरोप लगाया कि यह हिंसा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के समर्थन से हुई, और जब केंद्रीय बलों की तैनाती हुई, तब जाकर इलाका शांत हुआ।

टीएमसी ने बीजेपी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया

दूसरी ओर, तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह फर्जी वीडियो और गलत तस्वीरें प्रसारित कर जनता को गुमराह कर रही है और राज्य प्रशासन के शांति प्रयासों में बाधा डाल रही है। टीएमसी ने बताया कि प्रशासन युद्धस्तर पर हालात को सामान्य बनाने के लिए काम कर रहा है।

प्रशासन ने दंगाग्रस्त परिवारों के लिए किए राहत के प्रबंध

स्थानीय प्रशासन ने हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था स्कूलों में की है। इसके साथ ही, जो लोग नावों से नदी पार कर आ रहे हैं, उनके लिए स्वयंसेवकों को तैनात किया गया है, ताकि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।

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