सेंट्रल डेस्क, नई दिल्ली : इस्कॉन मंदिर सोसाइटी से जुड़े स्वामी आमोघ लीला दास इनदिनों चर्चा में हैं। वे स्वामी विवेकानंद और गुरु रामकृष्ण परमहंस पर एक आपत्तिजनक बयान के कारण चर्चा में हैं। इस बयान से उनके ऊपर कई तरह के सवाल उठने लगे। मामले को बढ़ते हुए देख उन्होंने शनिवार को एक वीडियो बयान जारी करते हुए माफी मांग ली है।
वीडियो संदेश में क्या कहा स्वामी आमोघ लीला दास ने?
स्वमी आमोघ लीला दास ने कहा है कि हाल ही में विवेकानंदजी पर मांसाहार को लेकर दिए गए बयान से जिन लोगों और संतों को आघात पहुंचा है, उसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं। मेरी वाणी से जिसे भी आघात पहुंचा है मैं उनसे क्षमा चाहता हूं। आमोघ लीला दास ने यह भी कहा है कि मेरी मंशा बिल्कुल किसी को दुख पहुंचाने की नहीं थी।
चूंकि किसी व्यक्ति ने सवाल किया तो मेरे मुंह से निकल गया…। इसके लिए मैं हृदय से क्षमा चाहता हूं। आगे भविष्य में ऐसा कुछ भी नहीं हो, इसका पूरा ध्यान रखूंगा।
क्या था पूरा मामला
ISKCON से जुड़े स्वामी आमोघ लीला दास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद काफी विवाद बढ़ गया था। वे लगातार घिरने लगे थे। वायरल वीडियो में स्वामी आमोघ लीला दास द्वारा स्वामी विवेकानंद के मछली खाने को लेकर सवाल उठाते हुए दिखाया जा रहा था।
वीडियो में यह भी दिख रहा था कि स्वामी आमोघ लीला दास द्वारा कहा जा रहा है कि एक सिद्ध पुरुष कभी भी किसी जानवर को नुकसान नहीं पहुंचाता। आगे वह यह भी कहते हुए दिख रहे हैं कि क्या कोई दिव्यपुरुष किसी जानवर को मारकर खाएगा? क्या कोई मछली खाएगा? और अगर विवेकानंद मछली खाएं तो क्या एक सिद्धपुरुष मछली खा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने गुरु रामकृष्ण परमहंस के विचार पर भी सवाल खड़े किए थे।
इस्कॉन ने क्यों लगाया लीला दास पर लगाया प्रतिबंध?
वीडियो वायरल होने के बाद स्वामी आमोघ लीला दास चारों तरफ से घिरने लगे। बढ़ते विवाद को देखते हुए इस्कॉन मंदिर ने भी अपने आप को किनारा कर लिया। दरअसल, इस्कॉन मंदिर ने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस की टिप्पणी को लेकर आमोघ लीला दास पर एक महीने का बैन लगाया जा रहा है।