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क्या है आदिवासियों को सशक्त बनाने के लिए केंद्र की नयी योजना ‘पीएम पीवीटीजी विकास मिशन’?

by Rakesh Pandey
PM Modi
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नई दिल्ली : PM-PVTG Development Mission : गरीब-वंचित वर्गों और आदिवासी समुदायों के विकास के लिए केंद्र सरकार की ऐसी योजनाएं कई हैं, जिनके माध्यम से उन्हें सशक्त बनाया जा सके। इसी कड़ी में एक और योजना जुड़ चुकी है, इस योजना के माध्यम से आदिवासी समुदाय को आर्थिक रूप से सहायता मिलेगी, साथ ही उनकी मूलभूत सुविधाओं को बढ़ावा देने पर भी ध्यान दिया जा सकेगा।

15 नवंबर को पीएम मोदी करेंगे शुरुआत

प्रधानमंत्री मोदी 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर पीएम पीवीटीजी (people from Particularly Vulnerable Tribal Groups) (विशेष रूप से कमजोर जनजातियों का समूह) विकास मिशन का शुभारंभ करेंगे। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई पीवीटीजी विकास योजना का मकसद गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले प्रवृत्ति प्रमुख वर्गों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है। यह योजना उन्हें बेहतर आवास, स्वच्छ पानी, सुरक्षा, और शिक्षा की सुविधा प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।

22,544 गांवों के आदिवासियों के जीवन स्तर में होगा सुधार

केंद्र के 9 मंत्रालयों के अंतर्गत विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए कदम उठाने का मिशन मोड पर काम किया जा रहा है, जिसका लक्ष्य है 28 लाख जनजातीय लोगों के 22,544 गांवों में आदिवासी समुदायों के जीवन के मूल आधार को सुधारना। साथ ही, उनके लिए स्थायी आवास, शिक्षा, और आर्थिक समृद्धि के अवसरों का विस्तार भी किया जाएगा। यही नहीं, केंद्र सरकार ने आदिवासी योद्धा बिरसा मुंडा की जन्म-जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने का ऐलान किया था, और यह प्रथा हर साल जारी है।

कितना खर्च कर रही है केंद्र सरकार

विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने कुल 24,000 करोड़ रुपये की योजना बनाई है, जिससे आदिवासियों को सशक्त बनाने की तैयारी है। आपको याद दिला दें कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में, पीवीटीजी सामाजिक आर्थिक-स्थितियों (Socio- economic condition) में सुधार के लिए इस मिशन की शुरुआत की घोषणा हुई थी। इस मिशन के तहत 28 लाख आदिवासियों का समग्र विकास होगा।

18 राज्यों के 28 लाख लोग होंगे योजना के दायरे में

गौरतलब है कि इन 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 28 लाख लोगों की आबादी वाली 75 पीवीटीजी जनजातियां दूरस्थ और दुर्गम वन क्षेत्रों में फैले हुए बस्तियों में निवास करती हैं। इसलिए, इस योजना के माध्यम से उन्हें सड़क, दूरसंचार सुविधाएं, बिजली, सुरक्षित आवास, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, और पोषण के मानकों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

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