नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों पर नियंत्रण करने और इलेक्ट्रिकल वाहनों (Electrical Vehicles) को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने फेम इंडिया योजना (Fame India Scheme) की शुरुआत की है। इस योजना का पूरा नाम Faster adoption and manufacturing of hybrid & electric vehicles in India है। यह राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन योजना का एक अभिन्न अंग है। केंद्र सरकार ने इस योजना के माध्यम से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न राज्यों में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए मंजूरी दी है। इसे 2030 तक सभी वाहनों को विद्युत वाहनों में परिवर्तित करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शुरू किया गया है ।
क्या है सरकार की fame india scheme
विदित हो कि फेम इंडिया योजना के तहत वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक होंगे, जो चार्जेबल बैटरी से संचालित होंगे व इसमें शून्य उत्सर्जन शामिल होगा। इसके अलावा, सरकार चार्जिंग के लिए बुनियादी ढांचा भी विकसित करेगी, जो इन वाहनों के लिए आवश्यक है। इलेक्ट्रिक बसों की चार्जिंग के लिए प्रत्येक 1 किलोमीटर की दूरी पर चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध किये जायेंगे।
क्या है फेम इंडिया योजना (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles)
फेम-इंडिया ऐसी योजना है जिसके तहत पेट्रोल और डीजल में होने वाले खर्चे पर भी नियंत्रण किया जायेगा। साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर तेजी से प्रोत्साहन और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना के माध्यम से इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। डीजल या पेट्रोल के बजाय बिजली के वाहनों और बिजली के उपयोग को प्रोत्साहित किया जायेगा।
क्या है फेम इंडिया योजना का उद्देश्य
फेम इंडिया योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों के लिए अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉनिक वाहन उपलब्ध करवाना है। इसके तहत प्रदूषण स्तर में भी कमी आएगी और पर्यावरण को स्वच्छ एवं साफ रखा जाएगा। डीजल और पेट्रोल से चलने वाले सभी वाहनों में कमी आएगी और इनसे होने वाले पर्यावरण प्रदूषण में भी सुधार आएगा। सरकार का मानना है कि पर्यावरण प्रदूषण संपूर्ण विश्व की सबसे बड़ी समस्या है। इन सभी समस्याओं को रोकने के लिए भारत सरकार के द्वारा फेम इंडिया योजना को शुरू किया गया है। प्रदूषण और इससे जुड़ी अन्य प्रकार की समस्याओं को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक बसों का अधिक से अधिक उपयोग है। योजना को सफल बनाने के लिए देश के विभिन्न स्थानों में बसों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशनों को स्थापित किया जायेगा।