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कौन है 19 वर्षीय गैंगस्टर योगेश कादियान, जिसके ऊपर इंटरपोल ने जारी किया है रेड कार्नर नोटिस

by Rakesh Pandey
कौन है 19 वर्षीय गैंगस्टर योगेश कादियान
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सेंट्रल डेस्क: उम्र भले ही महज 19 साल हो, मगर जरायम की दुनिया में हरियाणा का एक गैंग्स्टर बड़ा डॉन बनने की राह पर चल पड़ा है। भारत से फरार गैंगस्टर्स कनाडा के बाद अब अमेरिका में शरण लेने लगे हैं। पिछले साल पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ जमकर सुर्खियों में थे। इस हत्याकांड के बाद भारतीय जांच एजेंसियों ने इन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी।

जिसके बाद कई गैंगस्टर फर्जी पासपोर्ट की मदद से विदेश भागने में सफल रहे। इन्हीं में से एक हैं महज 19 साल के योगेश कादियान। हरियाणा के झज्जर के रहने वाले योगेश कादियान को लेकर इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। योगेश कादियान की उम्र महज 19 साल है लेकिन कारनामे ऐसे जिसे जानकर अच्छे -अच्छों के होश उड़ जाएंगे।

बिश्नोई गैंग और बंबीहा गैंग की रंजिश में प्रमुख खिलाड़ी
बिश्नोई गैंग और बंबीहा गैंग की आपसी रंजिश में ही पंजाब के लोकप्रिय गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई थी। इस हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग के गोल्डी बराड़ ने ली थी। अब इसका बदला लेने के लिए बंबीहा गैंग लॉरेंस बिश्नोई को मारने की साजिश रच रहा है, जो बिश्नोई गैंग का प्रमुख है और दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 19 वर्षीय योगेश कादियान इस साजिश में शामिल प्रमुख नामों में शामिल है।

कौन है 19 वर्षीय गैंगस्टर योगेश कादियान ?

योगेश कादियान मूल रूप से हरियाणा के झज्जर का रहने वाला है। योगेश को किताब पढ़ने की उम्र में हथियार चलाने का चस्का चढ़ गया। चस्का भी कोई छोटा-मोटा नहीं, बल्कि ऐसा कि हथियार हाथ में आते ही योगेश ने आतंक मचा दिया। जिस उम्र में बच्चे दुनियादारी का लुत्फ उठाते हैं। उस उम्र में इसने अपराध की दुनिया में कदम रखकर खूंखार अपराधी बनने का ना महज सपना देखा, बल्कि इसे पूरा भी किया। अपने सपने को पूरा करने के लिए योगेश ने शुरुआत में छिटपुट आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया, लेकिन बाद में इसने इतना बड़ा हाथ मारा कि अब इसकी तलाश कई मुल्कों की पुलिस को है।

गैंगस्टर योगेश कादयान हरियाणा के झज्जर जिले के बेरी गांव का रहने वाला है और उसका जन्म 12 जुलाई 2004 को हुआ था। रिपोर्ट्स की मानें तो योगेश कादयान का कनेक्शन बंबीहा गैंग के साथ-साथ खालिस्तान समर्थकों से भी है। हाल ही में खालिस्तानी आतंकियों पर कार्रवाई के दौरान एनआईए ने भारत में योगेश कादयान के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस गैंगस्टर के बारे में कोई भी जानकारी देने के लिए ₹1.5 लाख का इनाम जारी किया गया है।

फर्जी रिपोर्ट के जरिया अमेरिका फरार
हाल ही में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को देशभर में गैंगस्टर और आतंकी गठजोड़ को तोड़ने का निर्देश दिया था। इसके बाद NIA ने कई गैंगस्टरों के ठिकाने खंगाले थे। इस एक्शन से घबराए कई गैंगस्टर अंडरग्राउंड हो गए तो कुछ विदेश भाग गए। मीडिया के मुताबिक, कादियान के घर और अन्य कुछ ठिकानों पर भी छापा पड़ा, जिसके बाद वो फर्जी पासपोर्ट के जरिए अमेरिका भाग गया। यहां वो हिमांशु भाऊ के साथ रह रहा है।

रेड कॉर्नर नोटिस जारी
रेड कॉर्नर नोटिस जारी करते हुए इंटरपोल ने कहा कि योगेश के खिलाफ आपराधिक साजिश, हत्या का प्रयास, प्रतिबंधित हथियारों और गोला-बारूद के इस्तेमाल के मामले दर्ज किए गए हैं। एजेंसी ने उनके बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनकी ऊंचाई 1.72 मीटर और वजन करीब 70 किलोग्राम है। साथ ही उनकी बांहों और आंखों का रंग भी काला है। इसके साथ ही उनके बाएं हाथ पर भी एक तिल है। बता दें कि रेड कॉर्नर नोटिस इंटरपोल के सदस्य देशों के कानून प्रवर्तन अधिकारियों से प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी प्रक्रिया होने तक किसी आरोपी को खोजने और अस्थायी रूप से हिरासत में रखने का अनुरोध होता है।

आधुनिक हथियार चलाने में है माहिर

दरअसल, भारत में गैंगस्टरों पर एनआईए यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद कई आरोपी नकली पासपोर्ट के जरिए विदेश भाग गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि योगेश कादयान 17 साल की उम्र में फर्जी पासपोर्ट पर अमेरिका भाग गया था। वह फिलहाल अमेरिका में बम्बीहा गैंग का सदस्य है और उसे अत्याधुनिक हथियारों का एक्सपर्ट माना जाता है।

क्या है रेड कॉर्नर नोटिस?
रेड कॉर्नर नोटिस को इंटरपोल द्वारा जारी किया जाता है। इंटरपोल एक अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन है, जिसकी स्थापना प्रथम विश्व युद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय अपराधियों को पकड़ने के मकसद से की गई थी। इंटरपोल का पूरा नाम इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गनाइजेशन है। शुरुआत में महज 20 देशों ने मिलकर इस अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन की स्थापना की थी, लेकिन आज 192 देश इसके सदस्य हैं।

जब प्रथम विश्व युद्ध में जब अपराधी अपराध करने के बाद दूसरे देशों में शरण लेने लगे, तो उन्हें पकड़ने में दिक्कत होती थी, जिससे निपटने के लिए बाद में इंटरपोल यानी की अंतरराष्ट्रीय आपराधिक पुलिस संगठन की स्थापना की गई। इसकी बैठक हर वर्ष होती है। इटरपोल द्वारा ऐसे अपराधियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाता है, जो कि अपराध को अंजाम देकर किसी दूसरे देश में फरार हो जाते हैं।

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