Ramgarh (Jharkhand) : रामगढ़ के नईसराय, महतो टोला में पायल कुमारी के साथ हुए लैंगिक अपराध के मामले में आखिरकार कार्रवाई हुई है। इस संवेदनशील मामले की जांच में घोर लापरवाही बरतने वाली महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर को रामगढ़ के एसपी अजय कुमार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। एसपी ने स्पष्ट किया कि आवेदिका के आवेदन की जांच में शिथिलता बरती गई, जिसके कारण पीड़िता पायल ने आत्मदाह का प्रयास किया। इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन नामजद आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है।
एसपी के निर्देशों का भी नहीं हुआ पालन
एसपी अजय कुमार ने महिला थाना प्रभारी श्वेता कुजूर की लापरवाही को गंभीर कदाचार माना है। उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले में स्पष्ट निर्देश दिए गए थे, जिनका महिला थाना प्रभारी द्वारा अनुपालन नहीं किया गया। इसी लापरवाही के चलते पीड़िता मानसिक रूप से इतनी परेशान हो गई कि उसने खुद को आग लगा ली। एसपी ने कहा कि इस तरह की लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
तीन आरोपी सलाखों के पीछे
एसपी अजय कुमार ने बताया कि पायल कुमारी के बयान के आधार पर 24 अप्रैल को महिला थाने में कांड संख्या 6/25 दर्ज किया गया था। भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 69, 352, 115 (2), 61(2) के तहत सुमित कुमार, पप्पू सिंह और आलोक सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। ये सभी वेस्ट बोकारो ओपी के ड्राइवर हार्ट के रहने वाले हैं।
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एसपी ने एक विशेष टीम का गठन किया था। इस टीम ने बिहार राज्य के बाढ़ और दानापुर तथा रामगढ़ जिले के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। आखिरकार, मुख्य आरोपी सुमित कुमार, पप्पू सिंह और आलोक सिंह को रामगढ़ जिले के वेस्ट बोकारो ओपी क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया।
शादी का झांसा और न्याय की गुहार, पीड़िता की आपबीती
एसपी अजय कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि सुमित कुमार ने शादी का झांसा देकर पायल कुमारी का यौन शोषण किया था। जब पायल को यह अहसास हुआ कि सुमित उसे धोखा दे रहा है, तो वह न्याय की उम्मीद में पुलिस के पास पहुंची थी। एसपी ने तत्काल संज्ञान लेते हुए महिला थाना प्रभारी को पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था, लेकिन महिला थाना प्रभारी ने लगातार मामले को टालती रहीं, जिसके कारण पीड़िता को जन शिकायत समाधान कार्यक्रम तक जाना पड़ा।
सख्त निर्देश, महिला अपराधों पर त्वरित कार्रवाई
एसपी ने बताया कि महिला लैंगिक अपराध और पॉक्सो एक्ट से संबंधित मामलों की त्वरित और समय पर जांच करने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इन मामलों की नियमित समीक्षा भी की जाती है और इन्हें 60 दिनों के भीतर निष्पादित करने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन इस मामले में महिला थाना प्रभारी द्वारा घोर लापरवाही बरती गई, जिसकी वजह से उन्हें निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अब इस मामले में आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी कर पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।