RANCHI: जेवियर इंस्टीट्यूट आफ सोशल सर्विसेज(एक्सआईएसएस) रांची ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें सांस्कृतिक और अन्य सत्रों के माध्यम से मूलनिवासी समुदायों की विरासत, संघर्ष और अधिकारों को सम्मान दिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के सहायक निदेशक डॉ प्रदीप केरकेट्टा एसजे के संबोधन से हुई। उन्होंने कहा कि यह दिवस न केवल आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक समृद्धि और ज्ञान परंपरा को पहचानने का अवसर है, बल्कि उनके अधिकारों और स्थायी भविष्य की वकालत करने का भी समय है।
संस्थान के वित्त अधिकारी, फादर अशोक कंडुलना एसजे ने भी इस अवसर पर सभी से आग्रह किया कि वे समानता और न्याय के लिए आवाज उठाएं तथा आदिवासियों के संघर्षों के प्रति संवेदनशीलता और समझ विकसित करें।
समाज के वंचित वर्गों को सहयोग करें
डीन अकादमिक डॉ अमर ई तिग्गा ने विश्व आदिवासी दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि समुदायों द्वारा झेली गई चुनौतियों की याद भी है। उन्होंने सभी को समाज के वंचित वर्गों के लिए शिक्षा और कौशल विकास में सहयोग देने हेतु प्रेरित किया। समारोह का आकर्षण पारंपरिक वेशभूषा में फैकल्टी और स्टाफ द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक नृत्य रहा, जिसने संस्थान की एकजुटता और सांस्कृतिक विविधता को जीवंत कर दिया।
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