RANCHI: पहले हार्ट अटैक 55 से अधिक उम्र वालों को होता था। लेकिन आज कम उम्र वाले लोग भी इसकी चपेट में है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 20 साल के युवा को हार्ट अटैक आ रहा है। ऐसे ही कई मामले में रिम्स में आ रहे है। जहां इलाज करने वाले डॉक्टर भी चिंतित है। वहीं 20 से कम उम्र में हार्ट लेकर आने वाले युवाओं में एक बात कॉमन थी कि वे चेन स्मोकर थे। 17 साल की उम्र में स्मोकिंग शुरू कर दिया था। वहीं 20 तक आते-आते उन्हें हार्ट अटैक आ गया। हालांकि रिम्स में इलाज के लिए पहुंचे एक युवक की जान तो बच गई। लेकिन डॉक्टर इसे अलार्मिंग मान रहे है।
वर्ल्ड हार्ट डे के मौके पर ये बातें रिम्स के कार्डियोलॉजी के एचओडी डॉ हेमंत नारायण ने कही। उन्होंने कहा कि लाइफस्टाइल को बदलना होगा नहीं तो परिणाम चौंकाने वाले सामने आएंगे। चूंकि हार्ट अटैक के कई मामले ऐसे भी आ रहे है जिनमें ब्लाकेज ही नहीं मिल रही है। इसे टेक्निकल भाषा में मिनोका कहते है।
फैमिली हिस्ट्री पर रहे अलर्ट
उन्होंने कहा कि झारखंड में 30 से कम उम्र में लोग हार्ट अटैक की समस्या लेकर आ रहे है। उसके परिवार वाले से पूछेंगे तो पता चलेगा कि वह स्मोकिंग करता है। वहीं 35 के बाद वाले लोगों में हार्ट अटैक की समस्या की बड़ी वजह फैमिली हिस्ट्री है। वहीं डाइबिटीज भी एक बड़ी वजह है। उन्होंने बताया कि फैमिली में बुआ, मां, बहन किसी को भी हार्ट की समस्या थी तो आपको भी अलर्ट रहने की जरूरत है।
ऐसे में अलर्ट रहने की जरूरत
हमारे यहां 55 साल से कम में महिलाएं और पुरुष 65 के पहले हार्ट अटैक की चपेट में आए है तो भी अलर्ट रहने की जरूरत है। डॉ हेमंत ने कहा कि यूरोप में 65 की उम्र में लोगों को हार्ट अटैक की समस्या होती है। जब वो अपने जीवन के बहुत सारे काम निपटा चुका होता है। लेकिन हमारे देश में 45 की उम्र में हार्ट अटैक हो रहा है। स्मोकिंग, अनकंट्रोल्ड हाइपरटेंशन के कारण ये समस्या हो रही है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है तो फिजिकल और मेंटल स्ट्रेस बढ़ता जा रहा है।
सिंपटम्स को न करें इग्नोर
उन्होंने कहा कि आज के लाइफस्टाइल में किसी भी सिंपटम्स को इग्नोर न करें। पुरुषों में सीने में भारीपन या चलने पर दर्द हो तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करे। कई बार महिलाओं में भी लक्षण दिखते है लेकिन उसे इग्नोर करना भारी पड़ता है। आज 50-60 परसेंट ब्लाकेज वाले 45-48 की उम्र वाले कई बार जिम जाकर पहले की तरह ही एक्सरसाइज करते है। ऐसे में हार्ट पर दबाव बढ़ता है और अटैक आता है। इमोशनल स्ट्रेस और बैड कालेस्ट्रॉल भी आज बड़ा फैक्टर है।
अल्कोहलिक ड्रिंक्स को अवॉइड करें
उन्होंने कहा कि नींबू पानी, सत्तू का पानी, बेल का सर्बत को अपने खानपान में शामिल करे। वहीं हरी साग सब्जी, मछली और सी फूड हार्ट के लिए फायदेमंद है। सैचुरेटेड फैट, मटन, अंडा, डीप फ्राइ वाली चीजें अटैक के साथ एजिंग प्रोसेस को बढ़ा देते है। वहीं डब्बा बंद खाना भी लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है।