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Anand Marg Passes Away : आनंद मार्ग के 10वें व पूर्व महासचिव आचार्य चित्तस्वरूपानंद अवधूत का निधन, अनुयायियों में शोक

1967 में वे आनंद मार्ग प्रचारक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता बने और कोयंबटूर में जिला सचिव (डीएस) के रूप में अपनी सेवा का आरंभ किया।

by Rakesh Pandey
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जमशेदपुर : आनंद मार्ग प्रचारक संघ के पूर्व महासचिव आचार्य चित्तस्वरूपानंद अवधूत का चेन्नई में निधन हो गया। जिससे न केवल जमशेदपुर, बल्कि विश्वभर के आनंद मार्गियों में शोक की लहर है। 79 वर्षीय आचार्य चित्तस्वरूपानंद का निधन रात करीब 1:00 बजे हृदय गति रुक जाने के कारण हुआ। वे कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके निधन से संगठन और अनुयायियों में गहरा दुःख है। वे उन्हें एक समर्पित मार्गदर्शक के रूप में याद कर रहे हैं।

आचार्य चित्तस्वरूपानंद का आध्यात्मिक सफर 1965 में शुरू हुआ, जब उन्होंने आनंद मार्ग दर्शन से प्रेरित होकर आचार्य रुद्रानंद अवधूत के मार्गदर्शन में दीक्षा ली। उन्होंने अपने जीवन को पूरी तरह से आध्यात्मिक साधना और समाजसेवा के लिए समर्पित कर दिया। 1967 में वे आनंद मार्ग प्रचारक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता बने और कोयंबटूर में जिला सचिव (डीएस) के रूप में अपनी सेवा का आरंभ किया। इसके बाद उन्हें हांगकांग क्षेत्र में भी सेवाएं देने का अवसर मिला। अपने समर्पण और कार्यों के चलते, उन्होंने मैक्सिको जैसे देशों में भी अहम योगदान दिया और संगठन में केंद्रीय कार्यकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं।


उन्होंने मास्टर यूनिट सचिव और सीओएस जैसे पदों पर भी कार्य किया, जहां उन्होंने संगठन के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं और नीतियां तैयार कीं। आचार्य ध्रुवानंद अवधूत के निधन के बाद आचार्य चित्तस्वरूपानंद कड़ी मेहनत और मार्गदर्शन को ध्यान में रखते हुए उन्हें आनंद मार्ग का 10वां महासचिव नियुक्त किया गया। उन्होंने संगठन को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अहम योगदान किया। साथ ही आनंद मार्ग के सिद्धांतों को आगे बढ़ाया। उनके नेतृत्व में संगठन ने आध्यात्मिक और सामाजिक विकास की दिशा में कई नए कदम उठाए।

उनकी अडिग निष्ठा, विनम्रता, और मार्गदर्शक भूमिका के लिए वे सदैव याद किए जाएंगे। जिन लोगों ने उनके साथ कार्य किया या उनके द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का अनुसरण किया, वे आचार्य चित्तस्वरूपानंद की अनुपम विरासत को हमेशा संजोकर रखेंगे। उनके निधन से आनंद मार्ग प्रचारक संघ में अपूरणीय क्षति हुई है, और संघ के सभी सदस्यों और अनुयायियों के लिए यह एक बेहद दुखद क्षण है। संगठन के सभी वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और अनुयायियों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। साथ ही उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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