रायबरेली: इंसानियत, भाईचारे और हिम्मत की मिसाल बनकर सामने आया है 11 वर्षीय विक्की, जिसने अपने घायल बड़े भाई को ठेले पर लादकर अस्पताल पहुंचाया। यह मार्मिक घटना रायबरेली जिले के ऊंचाहार क्षेत्र की है, जिसने हर किसी को भावुक कर दिया है। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हो चुका है, हालांकि ETV Bharat इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
क्या है पूरा मामला?
घटना ऊंचाहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की है। रायबरेली जिले के थाना भदोखर क्षेत्र के गांव हंसा का पुरवा निवासी यह परिवार अस्थायी रूप से ऊंचाहार के हसनगंज क्षेत्र में रह रहा था। शनिवार की दोपहर, परिवार के 13 वर्षीय बेटे कृष्णा को खेलते समय एक दीवार से गिरने के कारण गंभीर चोट लग गई।
घटना के तुरंत बाद परिजन घबरा गए और एंबुलेंस बुलाने की कोशिश की, लेकिन उस वक्त परिवार के पास कोई मोबाइल फोन उपलब्ध नहीं था। जिससे वे एंबुलेंस सेवा से संपर्क नहीं कर सके।
11 वर्षीय विक्की ने दिखाई मिसाल
ऐसे कठिन समय में कृष्णा का 11 वर्षीय छोटा भाई विक्की अपने भाई को छोड़ने के बजाय उसे बचाने के लिए खुद ही आगे आया। उसने आसपास से एक ठेला लिया, और अपनी चाची तुलसी के साथ मिलकर घायल भाई कृष्णा को उस पर लादा और खुद ही ठेले को खींचते हुए अस्पताल की ओर रवाना हो गया।
कई किलोमीटर की दूरी तय कर वह किसी तरह ऊंचाहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने तुरंत घायल कृष्णा का इलाज शुरू किया।
अस्पताल प्रशासन का बयान
अस्पताल के प्रभारी चिकित्सक डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि घायल बच्चे कृष्णा को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा दी गई और उसकी हालत पर निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी जरूरी मेडिकल सुविधाएं मरीज को उपलब्ध कराई जा रही हैं।
अधिकारी ने दिए जांच के आदेश
रायबरेली के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. नवीन चंद्रा ने इस संवेदनशील मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा:
“अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि परिजनों ने एंबुलेंस सेवा से संपर्क किया था या नहीं। यदि यह साबित होता है कि एंबुलेंस को समय पर बुलाया गया था लेकिन वह नहीं पहुंची, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
विक्की की आपबीती
बाद में मीडिया से बात करते हुए विक्की ने बताया कि उसका भाई खेलते समय गिर गया था और उसके पास मोबाइल फोन नहीं था। घर का सदस्य जो फोन रखता था, वह उस समय कहीं बाहर गया हुआ था। इसलिए उसने बिना किसी की मदद के, ठेले पर भाई को लादकर अस्पताल ले जाने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर भावनात्मक प्रतिक्रिया
इस घटना का वीडियो जब सोशल मीडिया पर सामने आया तो लोगों की भावनाएं उमड़ पड़ीं। मासूम विक्की की बहादुरी, समझदारी और भाई के प्रति उसके प्रेम ने सभी को भावुक कर दिया। सोशल मीडिया पर लोग उसे ‘सच्चा हीरो’, ‘मासूम फरिश्ता’ और ‘मानवता की मिसाल’ कहकर सराह रहे हैं।
यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि सच्ची हिम्मत उम्र नहीं देखती, और रिश्तों की गहराई किसी भी संकट से लड़ने का जज़्बा दे सकती है। 11 साल के विक्की का यह साहस आने वाले समय में कई लोगों के लिए प्रेरणा बन सकता है।