- नई पदस्थापना में एक जिले में डीसी रहे अधिकारियों को फिर मिला मौका, दो इससे अब भी वंचित
- 2019 बैच के तीन आईएएस अधिकारी अब तक नहीं बन सके डीडीसी, कुछ की डेढ़ साल पहले हो गई पदस्थापना
- पदस्थापना नहीं होने के कारण पूर्वी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां में जूनियर ऑफिसर निभा रहे उप विकास आयुक्त का दायित्व
- हालिया अधिसूचना के बाद तीन अन्य जिलों में रिक्त हो गया डीडीसी का पद
Jharkhand Bureaucracy Exclusive News : रांची : झारखंड में कार्यपालिका की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है। राज्य में करीब 17 आईएएस अधिकारी 22 दिनों से ‘वेटिंग फॉर पोस्टिंग’ हैं। सरकार के कई अहम विभागों में डायरेक्टर नहीं हैं। इसके बावजूद अधिकारियों के बीच दायित्वों का विभाजन नहीं हो रहा है। राज्य सरकार ने गत 26 मई को बड़ा पैमाने पर आईएएस अधिकारियों के तबादले किए थे। इसमें एक साथ 20 जिलों के उपायुक्त बदल दिए गए थे।
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पूर्व से उपायुक्त के रूप में पदस्थापित तीन आईएएस अधिकारियों को नए जिले में पोस्टिंग दे दी गई। वहीं 17 आईएएस अधिकारियों को कार्मिक विभाग में योगदान करने का निर्देश दिया गया। इनकी जगह अलग-अलग विभागों में निदेशक सहित विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे अधिकारियों को उपायुक्त बनाकर जिलों में भेज दिया गया। अब तक नई पदस्थापना नहीं होने से संबंधित विभागों में महत्वपूर्ण पद रिक्त पड़े हैं। हालिया अधिसूचना में 2018 बैच तक के आईएएस अधिकारियों तक को उपायुक्त बनाया गया है।
17 IAS officers waiting for posting : 2019 बैच के तीन अधिकारी अब तक नहीं बने डीडीसी
एक तरफ 2018 बैच के अधिकारी कई जिलों में उपायुक्त बन गए। दूसरी तरफ 2019 बैच के तीन अधिकारी अब तक डीडीसी नहीं बन सके हैं। एक आईएएस अधिकारी को छह महीने में गिरिडीह से वापस बुला लिया गया। उप विकास आयुक्त के पद पर पदस्थापना नहीं होने से पूर्वी सिंहभूम व सरायकेला-खरसावां जिले में जूनियर आईएएस अधिकारी प्रभारी के रूप में इस अहम दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। हाल की पदस्थापना में जिले में तैनात तीन उप विकास आयुक्त को उपायुक्त बनाए जाने के बाद दुमका, कोडरमा व रांची जैसे जिलों में डीडीसी का पद रिक्त हो गया है।
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IAS Officer : 2012 व 2013 बैच के दो अधिकारियों को नहीं मिला दूसरा जिला
राज्य सरकार की ओर से गत 26 मई को जारी अधिसूचना में कई आईएएस अधिकारियों को जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त के रूप में फील्ड पोस्टिंग दी गई। इसमें से कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें दूसरी बार जिलों की कमान दी गई है। इसके ठीक विपरीत 2012 और 2013 बैच के दो अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें अब तक दूसरा जिला नहीं मिला है। इसमें 2012 बैच के संजीव कुमार बेसरा तथा 2013 बैच की आकांक्षा रंजन शामिल हैं। संजीव कुमार बेसरा एक जनवरी 2016 से 10 फरवरी 2018 तक कोडरमा के डीसी रहे। वहीं आकांक्षा रंजन लोहरदगा की 39वीं उपायुक्त थीं। इन दोनों अधिकारियों को अब तक दोबारा मौका नहीं दिया गया।
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Jharkhand Bureaucracy : सरकार में ये अहम पद रिक्त
- निदेशक, उच्च शिक्षा
- निदेशक, सूडा
- निदेशक, प्राथमिक शिक्षा
- प्रबंध निदेशक, जियाडा
- निदेशक, कृषि
- आदिवासी कल्याण आयुक्त
- निदेशक, पर्यटन
- निदेशक सह सदस्य सचिव, झारखंड राज्य बाल संरक्षण संस्था
- प्रबंध निदेशक, झारक्राफ्ट
- निदेशक बागवानी
- मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, जेएसएलपीएस
- निदेशक, अंकेक्षण
- निदेशक, बागवानी
- डायरेक्टर, जेएसएसी
- निदेशक, सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेन्स
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