नई दिल्ली: बिहार में पुल गिरने की घटनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना की बेंच ने इस मामले को पटना हाईकोर्ट को ट्रांसफर कर दिया है। हाईकोर्ट इस पर 14 मई से सुनवाई शुरू करेगा। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि पुलों की सुरक्षा जांच और अधिकारियों के खिलाफ चल रही विभागीय जांच की निगरानी होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की सख्तीसुनवाई के दौरान CJI संजीव खन्ना ने बिहार सरकार के जवाब को लेकर कहा, “हमें पता है, आपके काउंटर का पहला पन्ना पढ़ा है। बिहार के पास ये स्कीम है, वो स्कीम है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की ओर से दी गई जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट को भेजी जाएगी, जिसमें बताया गया है कि इस मुद्दे पर सरकार क्या कर रही है।
याचिका में क्या मांग की गई?
याचिकाकर्ता ने कोर्ट से राज्य सरकार को पुलों का ऑडिट करने का निर्देश देने की अपील की है।
इसके तहत:
1. हाई लेवल एक्सपर्ट कमेटी बनाई जाए, जो कमजोर पुलों की पहचान करे।
2. सुरक्षा जांच की मॉनिटरिंग हो और पुलों की मरम्मत कर उन्हें मजबूत बनाया जाए।
3. अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच की सख्त निगरानी हो।
बिहार में पुल गिरने का सिलसिला जारी
याचिकाकर्ता ने कहा कि अब तक 300 पुल गिर चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। जिम्मेदार अधिकारियों को सस्पेंड तो किया जाता है, लेकिन कुछ समय बाद उन्हें वापस बुला लिया जाता है।
आगे क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद अब इस मामले की सुनवाई पटना हाईकोर्ट में होगी और राज्य सरकार से इस मुद्दे पर जवाब तलब किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि बिहार सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर पुलों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाती है।
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