सेंट्रल डेस्क : राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में रविवार को 76वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस खास दिन पर कर्तव्य पथ पर एक भव्य परेड आयोजित की गई, जिसमें भारत की सैन्य शक्ति, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और विकास की झलक दिखाई गई।

सुबह 10:30 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कर्तव्य पथ पर तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया। इस मौके पर उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई। इसके बाद गणतंत्र दिवस की परेड का आयोजन शुरू हुआ, जिसमें भारतीय सेना, वायु सेना और नौसेना के प्रमुख यूनिट्स ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
राष्ट्रपति मुर्मु और पीएम मोदी की उपस्थिति
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु इस महत्वपूर्ण दिन पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ बग्घी में बैठकर कर्तव्य पथ पर पहुंचीं। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से मिलकर इस ऐतिहासिक दिन का हिस्सा बनने पर गर्व महसूस किया। राष्ट्रपति मुर्मु के साथ इंडोनेशियाई राष्ट्रपति की उपस्थिति इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह को और भी खास रहा।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर्तव्य पथ पर पहुंचे, जहां उन्होंने समारोह में शामिल होने आए विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों और मेहमानों से मुलाकात की।
सैन्य ताकत का प्रभावशाली प्रदर्शन
इस साल की परेड में भारतीय सेना की अत्याधुनिक तकनीकों और हथियारों का शानदार प्रदर्शन किया जा रहा है। ब्रह्मोस मिसाइल, टी-90 टैंक, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम और पिनाक मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर जैसे उन्नत रक्षा प्रणालियां इस परेड का हिस्सा हैं। साथ ही, इस बार सेना की युद्ध निगरानी प्रणाली ‘संजय’ और डीआरडीओ द्वारा विकसित ‘प्रलय’ मिसाइल का भी पहली बार प्रदर्शन किया जा रहा है, जो भारत की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत साबित करता है।
संस्कृति और धरोहर का अद्भुत प्रदर्शन
सैन्य ताकत के अलावा कर्तव्य पथ पर विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां भी प्रस्तुत की जा रही हैं, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता और समृद्ध विरासत का प्रतीक हैं। इन झांकियों के माध्यम से भारतीय सभ्यता की विविधता, कला, और परंपराओं को दुनिया भर के मेहमानों के सामने पेश किया जा रहा है।