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झारखंड हाईकाेर्ट से ईडी के समन काे चुनाैती देने वाली सीएम हेमंत साेरेन की याचिका खारिज की

by Rakesh Pandey
सीएम हेमंत साेरेन की याचिका खारिज
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रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन की हाईकाेर्ट से बड़ा झटका लगा है। ईडी की ओर से सीएम हेमंत साेरेन काे लगतार जारी किए जा रहे समन के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में दायर उनकी याचिका शुक्रवार खारीज कर दी गयी। दाेनाें पक्षाें की दलील सुनने के बाद अदालत ने याचिका खारिज कर दिया मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा। वहीं ईडी ने भी अपनी दलील पेश की। हेमंत सोरेन और ईडी का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सीएम हेमंत सोरेन की याचिका खारिज कर दी है। कानून के जानकार काेर्ट के इस फैसले काे सीएम हेमंत साेरेन के लिए बड़ा झटका बता रहे हैं। हालांकि अभी उनके पास सुप्रीम काेर्ट जाने का अवसर है और वे जाएंगे भी।

सीएम हेमंत साेरेन की याचिका खारिज 

झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि सीएम हेमंत सोरेन की याचिका चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुना। हाई कोर्ट ने कहा कि जिन चार समन पर हेमंत सोरेन को ईडी में उपस्थित हाेना था, वह तारीख खत्म हो चुकी है, इसलिए यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। हाई कोर्ट ने पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 63 के आधार पर दाखिल याचिका को वैलिड नहीं माना। खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के मनोहरलाल केस के जजमेंट का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया।

दाे महीने में ईडी ने सीएम काे 5 बार समन जारी कर बुलाया:

ईडी की अाेर से लगातार किए जा रहे समन के बाद सीएम हेमंत सोरेन की ओर से 23 सितंबर को झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। 23 सितंबर को ही चौथे समन में हेमंत सोरेन को ईडी ऑफिस जाना था। इससे पहले ईडी ने 14 अगस्त को पहली बार हेमंत सोरेन को समन भेज कर बुलाया था। उसके बाद 24 अगस्त को दूसरी बार बुलाया गया। 9 सितंबर को तीसरी बार और 23 सितंबर को चौथी बार बुलाया गया था। इसके बाद 4 अक्टूबर को पांचवीं बार ईडी ने बुलाया था। लेकिन सीएम हाजिर नहीं हुए। ऐसे में अब देखना हाेगा की आगे इस मामले में क्या हाेता है।

पीएमएलए की धारा 50 और 63 में ईडी काे यह है अधिकार:

कानून के जानकार बताते हैं कि आईपीसी के तहत दर्ज किसी मामले की जांच के दौरान जांच एजेंसी के समक्ष दिए गए बयान की मान्यता कोर्ट में नहीं है, लेकिन पीएमएलए एक्ट की धारा 50 के तहत जांच के दौरान एजेंसी के समक्ष दिए गए बयान की कोर्ट में मान्यता है। साथ ही ईडी को धारा 63 के तहत बयान दर्ज कराने के दौरान किसी को गिरफ्तार करने का भी अधिकार प्राप्त है। माना जा रहा है कि इसी डर की वजह से सीएम हाजिर नहीं हाे रहे हैं और काेर्ट से राहत चाह रहे हैं।

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