Home » दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, नेपाल में था केंद्र

दिल्ली-एनसीआर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, नेपाल में था केंद्र

by Rakesh Pandey
Earthquake- In -afganistan
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर और यूपी में भूकंप के झटके एक बार फिर सोमवार को महसूस किए गए हैं। भूकंप के बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर खुली जगह की ओर जाते दिखे। झटके दिल्ली से सटे नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम और गाजियाबाद में भी महसूस किए गए।

नेशनल केंद्र फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक भूकंप का केंद्र नेपाल रहा। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.6 मापी गई है। तीन दिनों में दूसरी बार है, जब भूकंप के झटके लगे हैं। अभी तक की जानकारी के मुताबिक कहीं से भी किसी प्रकार के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है। बता दें कि बीते शुक्रवार को ही नेपाल में भूकंप ने बड़ी तबाही मचाई थी।

तीन दिनों में दूसरी बार भूकंप

3 नवंबर, शुक्रवार को भी रात 11:32 बजे नेपाल में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें 157 लोगों की मौत थी। तब दिल्ली-NCR के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में भी झटके महसूस किए गए थे। इसमें जाजरकोट में 905 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि 2745 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा था। वहीं रुकुम पश्चिम में भूकंप में 2,136 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए और 2,642 घरों को आंशिक व 4,670 घरों को सामान्य नुकसान पहुंचा था।

2015 में भी भूकंप से दहला था काठमांडू

नेपाल में साल 2015 में 7.8 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी। इस दौरान करीब 9 हजार लोग मारे गए थे। इस भूकंप ने देश के भूगोल को भी बिगाड़ दिया था।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के टैक्टोनिक एक्सपर्ट जेम्स जैक्सन ने बताया कि भूकंप के बाद काठमांडू के नीचे की जमीन तीन मीटर यानी करीब 10 फीट दक्षिण की ओर खिसक गई।

हालांकि, दुनिया की सबसे बड़ी पर्वत चोटी एवरेस्ट के भूगोल में किसी बदलाव के संकेत नहीं हैं। नेपाल में आया यह भूकंप 20 बड़े परमाणु बमों जितना शक्तिशाली था।

अरावली पहाड़ में दरार के कारण आते रहेंगे भूकंप के झटके

भूगोल के जानकार डॉ राजेंद्र सिंह राठौड़ के अनुसार अरावली पर्वतमाला के पूर्व में एक भ्रंश रेखा (दरार) है। यह भ्रंश रेखा राजस्थान के पूर्वी तट से होते हुए धर्मशाला तक जा कर मिलती है।

इसमें राजस्थान के जयपुर, अजमेर, भरतपुर इलाके शामिल हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि अरावली पहाड़ में जो दरारें हैं, उनमें हलचल शुरू हो चुकी है।

अब ऐसे भूकंप के झटके जयपुर समेत इससे सटे हुए अन्य इलाकों में भी आते रहेंगे। जयपुर जोन-2 और पश्चिमी राजस्थान जोन-3 में आता है। इसमें सामान्य भूकंप के झटके आते हैं।

भूकंप के केंद्र और तीव्रता का मतलब

भूकंप के केंद्र को भूकंप का उद्गम स्थान कहते हैं। यह वह स्थान है, जहां से भूकंप के झटके उत्पन्न होते हैं। भूकंप के केंद्र को पृथ्वी की सतह पर एक बिंदु के रूप में दर्शाया जाता है।

भूकंप के केंद्र को “हाइपोसेंटर”भी कहा जाता है। इसकी तीव्रता को रिक्टर पैमाने पर मापा जाता है।

रिक्टर पैमाना एक लघुगणकीय पैमाना है, जिसका अर्थ है कि प्रत्येक इकाई वृद्धि तीव्रता को 10 गुना बढ़ा देती है। रिक्टर पैमाने पर 0 से 3.9 तीव्रता वाले भूकंप आमतौर पर मनुष्यों द्वारा महसूस नहीं किए जाते हैं। 4 से 5.9 तीव्रता वाले भूकंप आमतौर पर थोड़ी गड़बड़ी का कारण बनते हैं।

6 से 7.9 तीव्रता वाले भूकंप गंभीर क्षति और नुकसान का कारण बन सकते हैं। 8 या उससे अधिक तीव्रता वाले भूकंप बड़े पैमाने पर तबाही का कारण बन सकते हैं।

भूकंप के केंद्र और तीव्रता के बीच एक सीधा संबंध है। भूकंप के केंद्र जितना करीब होगा, भूकंप की तीव्रता उतनी ही अधिक होगी।

Related Articles