जमशेदपुर/Shankh maidan Jamshedpur : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। खासकर, सिदगोड़ा स्थित सूर्य मंदिर परिसर में विधायक निधि से योजनाओं को धरातल पर उतारने में परेशानी हो रही है। ताजा मामला सूर्य मंदिर परिसर के शंख मैदान का है, जिसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया है।
बिष्टुपुर स्थित आवासीय कार्यालय में सरयू राय ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि शंख मैदान में पहले पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (राज्यपाल, ओडिशा) ने विधायक निधि से सुंदरीकरण कराया था, लेकिन जब मैं विधायक निधि से वहां काम करना चाह रहा हूं, तो कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। प्रशासन ने एक सप्ताह में इसका समाधान नहीं निकाला, तो संविधान प्रदत्त अन्य फोरम या प्लेटफार्म का उपयोग करूंगा।
इसी क्रम में उन्होंने कहा कि शंख मैदान में पूर्व से जमीन पर एक शंख जैसी आकृति बनी हुई है। वास्तव में वहां जमीन में धंसे एक चट्टान को ही शंख का रूप दे दिया गया था। अब उस पर वहां घूमने आए लोग चढ़ते हैं, बैठते हैं, जो देखने में अच्छा नहीं लगता है। मैं वहां महाभारत काल में वर्णित विभिन्न प्रकार के शंख की आकृति को स्थापित कराना चाहता हूं, जिससे वह दर्शनीय स्थल बन सके। इसके लिए विधायक निधि से योजना स्वीकृत भी हो गई है।
Shankh maidan Jamshedpur : जमशेदपुर में नागरिक सुविधा का ढांचा बेहद कमजोर
विधायक सरयू राय ने कहा कि तीन मार्च को संस्थापक दिवस समारोह में टाटा स्टील के एमडी टीवी नरेंद्रन ने कहा था कि कंपनी जमशेदपुर में नागरिक सुविधा पर निवेश करेगी। मेरा मानना है कि जमशेदपुर में नागरिक सुविधा का ढांचा बेहद कमजोर है, चाहे वह नगर निकाय हो या टाटा स्टील यूसीआइएल। ऐसे में यदि नागरिक सुविधा पर खर्च करना चाहती है, तो अच्छी बात है, लेकिन इसका विस्तार कंपनी क्षेत्र के अलावा शहर के आसपास आदित्यपुर, परसुडीह, खड़ंगाझाड़ आदि में भी हो। यहां तो सरकारी पैसे भी खर्च नहीं हो पा रहे हैं। नगर निकाय परामर्शियो पर निर्भर है। मेरी योजना के क़रीब 42 लाख रुपये की दो योजनाएं 2020 से और 1.33 करोड़ रुपये की 6 योजनाएं 2022 से अब तक शुरू नहीं हुई हैं।
सरकार ने ही सरकारी जमीन पर किया अतिक्रमण
विधायक सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर में सरकार ने ही सरकार की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा है। सूर्य मंदिर सहित उस परिसर में बने सोन मंडप, टाउन हॉल आदि सरकार ने ही बनाए हैं, लेकिन उसके लिए परिवहन विभाग से एनओसी नहीं लिया है। परिवहन विभाग की जानकारी के बिना इन भूखंडों पर सरकारी एवं ग़ैर सरकारी अतिक्रमण हो गया है.
इसमें वैसा भ्रष्टाचार भी है, जैसा आरोप निवर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर है। .परिवहन विभाग ने बारीडीह एवं बारा की क़रीब 16.53 एकड़ और एग्रिको की 2.03 एकड़ ज़मीन नगर विकास विभाग को काग़ज़ पर दे दिया है, पर इनका उपयोग नहीं हो रहा है। मैं सीएजी से आग्रह करूंगा कि जेएनएसी का व्यापक अंकेक्षण करें और इन भूखंडों के पूर्व में हुए भौतिक अंकेक्षणों को भी इसके साथ जोड़े।.
आइएमए के आरोप पर कहा-परेशानी है तो सीधे बात करें
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) ने मंगलवार को पेस वार्ता कर विधायक सरयू राय पर आरोप लगाया कि वे बेवजह डॉक्टरों (सेवानिवृत्त स्त्रीरोग विशेषज्ञ डा. रेणुका चौधरी व पूर्व सिविल सर्जन डा़. अरविंद कुमार लाल) के मुद्दे उठा रहे हैं, जबकि इन्हें विभाग से क्लीनचिट मिल चुकी है। इस पर सरयू राय ने कहा कि बेहतर होगा कि आइएमए के पदाधिकारी मुझसे सीधे बात करें। चाहें तो मुझे अपने यहां बुला लें या वे मेरे पास आ जाएं।
दोनों मुद्दे मैंने उठाए हैं। अब इससे कोई परेशान हो रहा है, तो मैं क्या करूं। ज्ञात हो कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद विधायक सरयू राय ने विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो को पत्र लिखकर कहा था कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर भी इस नियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए, क्योंकि डा़. रेणुका चौधरी के मामले में स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में झूठ बोला था।
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