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सुप्रीम कोर्ट ने की दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका खारिज, जाना होगा जेल

by Rakesh Pandey
Satyendar Jain Case
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नेशनल डेस्क, नई दिल्ली : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई झेल रहे दिल्ली सरकार की पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain Case) को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री को तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया है।

मेडिकल ग्राउंड पर बाहर थे जैन (Satyendar Jain Case)

सत्येंद्र जैन बीते 9 महीने से ज्यादा समय से मेडिकल ग्राउंड पर जेल से बाहर थे। उच्चतम न्यायालय ने 26 मई, 2023 को चिकित्सा आधार पर जैन को अंतरिम जमानत दी थी और इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है। ईडी ने आप नेता को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था। जैन ने इन आरोपों से इंकार किया है।

स्वास्थ्य बिगड़ने पर मिली थी जमानत

साल 2018 में ED ने इस मामले में सत्येंद्र जैन से पूछताछ की थी। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 22 मई, 2022 में उनकी गिरफ्तारी का विरोध भी किया था। इसके बाद 26 मई, 2023 में सत्येंद्र जैन को खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मिल गई थी। तबसे वह इलाज करा रहे हैं। आप नेता के खिलाफ CBI ने 2017 में FIR प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत फाइल की थी। इस FIR में सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया था। FIR के मुताबिक, मनी लॉन्ड्रिंग चार कंपनियों के जरिये की गई, जो सीधा सत्येंद्र जैन से जुड़ी हैं।

10 महीने बाद फिर जेल पहुंचे सत्येंद्र जैन

गौरतलब है कि 26 मई, 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने जैन को कुछ मेडिकल ग्राउंड पर 6 हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत दी थी। बाद में भी सुनवाई होती रही और यह जमानत बढ़ती रही। मगर आज ऐसा नहीं हुआ। कोर्ट की तरफ से जमानत याचिका खारिज होने के बाद वे फिर से आज करीब-करीब 10 महीने बाद तिहाड़ जेल पहुंच गए हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 17 जनवरी को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था।

जैन के वकील ने दी थी ये दलील

वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से जैन को जमानत देने का आग्रह किया था और कहा था कि गवाहों के लिए किसी भी तरह का खतरा नहीं है। वहीं, ईडी ने पूर्व मंत्री की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि जब भी वह जेल से बाहर आना चाहते हैं, तो वह चिकित्सा आधार पर जमानत लेते हैं।

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