पटना: बिहार के अतिथि शिक्षकों पर सोमवार को पटना पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं। (Patna Teacher Protest) राजधानी में सोमवार को गेस्ट टीचरों ने मुख्यमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन किया। काफी संख्या में गेस्ट टीचर प्रदर्शन के लिए पहुंचे थे। दरअसल, 31 मार्च को उनकी सेवा की समाप्ति कर गई है और सेवा समाप्ति होने के बाद ये शिक्षक काफी परेशान थे। आज ये शिक्षक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने और गुहार लगाने के लिए पहुंचे थे, ताकि उनकी नौकरी बच सके।
चार हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों का हटाया गया
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि करीब चार हजार अधिक लोग बिहार के उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षक के तौर पर काम कर रहे थे। अचानक नीतीश सरकार ने हमलोगों से सेवा लेने से मना कर दिया। अपर मुख्य सचिव के आदेश पर शिक्षा विभाग ने हमलोगों से सेवा लेने से मना कर दिया। 31 मार्च को हमलोगों के कार्यकाल का आखिरी दिन था। शिक्षा विभाग ने उन्हें सेवा मुक्त कर दिया है। शिक्षक इसी के विरोध में घेराव करने पहुंचे थे।
क्यों हटाए गए अतिथि शिक्षक? (Patna Teacher Protest)
शिक्षा विभाग के अनुसार, वर्तमान में कक्षा 9वीं और 10वीं के लिए 37 हजार 847, कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए 56 हजार 891 और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल 94 हजार 738 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। ऐसे में अतिथि शिक्षकों की आवश्यकता नहीं है। बता दें कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा पास करने वाले करीब दो लाख 15 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, इसलिए अब अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है।
25 जनवरी 2018 से काम कर रहे थे अतिथि शिक्षक
बता दें कि हाल में शिक्षा विभाग की ओर से एक चिट्ठी जारी की गई थी। इसमें कहा गया था कि 25 जनवरी 2018 से राज्य में उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की सेवा ली जा रही है। अभी वर्तमान में कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए 37 हजार 847, कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए 56 हजार 891 और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कुल 94 हजार 738 शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।
इन शिक्षकों द्वारा स्कूल में सेवा दिया जा रहा है। इसलिए अब इन स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की आवश्यकता नहीं है। इसलिए अतिथि शिक्षकों की सेवा समाप्त की जाती है।