नई दिल्ली : Lok Sabha First Session Live: लोकसभा चुनाव के बाद अब सभी को संसद सत्र होने का इंतजार है। संसद भवन में आज 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत होगी। इस दौरान नई लोकसभा का गठन किया जाएगा। इससे पहले सोमवार सुबह 10 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु राष्ट्रपति भवन में प्रोटेम स्पीकर को शपथ दिलाएंगी। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य सांसदों को शपथ दिलाएंगे। आपको बता दें कि 18वीं लोकसभा के लिए बीजेपी के वरिष्ठ सांसद भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। वहीं नई लोकसभा की शुरुआत से पहले ही विपक्षी गठबंधन ने कड़े तेवर अपनाए हैं। विपक्ष ने भर्तृहरि महताब को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने का विरोध किया है।
वहीं, विपक्ष ने कांग्रेस सांसद के. सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने की मांग कि थी। हालांकि के. सुरेश को प्रोटेम स्पीकर के पैनल में शामिल किया गया है। प्रोटेम स्पीकर की गैरमौजूदगी में यही पैनल सांसदों को शपथ दिलाता है। इस पैनल में कांग्रेस सांसद के. सुरेश, बीजेपी के राधामोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते, डीएमके के टीआर बालू और टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय शामिल हैं। हालांकि विपक्ष ने अपना विरोध जताते हुए इस पैनल में शामिल होने से इनकार किया है।
राष्ट्रपति ने लोकसभा के पांच वरिष्ठ सदस्यों- के. सुरेश, टीआर बालू, राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंदोपाध्याय को भी नामित किया था, जो 24 जून से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र के पहले तीन दिन में होने वाली प्रक्रिया में महताब की मदद करेंगे।
Lok Sabha First Session Live:प्रोटेम स्पीकर को लेकर सरकार और विपक्ष होंगे आमने-सामने
प्रोटेम स्पीकर को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार पर संसद के परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने 8 बार के सांसद सुरेश के प्रोटेम स्पीकर के पद पर दावे की अनदेखी की है। हालांकि संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस के आरोपों को भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया है।
Lok Sabha First Session Live:संसद के बाहर इकट्ठा होंगे विपक्षी
चर्चा है कि लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन विपक्षी इंडिया गठबंधन के सदस्य सुबह संसद परिसर में इकट्ठा होंगे। इसके बाद सभी एक साथ सदन की ओर मार्च करेंगे। ये सभी सदस्य पुराने संसद भवन के गेट नंबर-2 के पास इकट्ठा होंगे, जहां पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा हुआ करती थी। अब इस प्रतिमा के साथ-साथ कई और प्रतिमा को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है, जिसे प्रेरणा स्थल का नाम दिया गया है।