कौन होगा दिल्ली का अगला सीएम, इन पांच नामों पर हो रही चर्चा
नई दिल्ली : दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफे का एलान कर दिया है। इस इस्तीफे की घोषणा को कोई साहसिक कदम बता रहा है, तो कोई इसे पीआर स्टंट कह रहा है। उनकी घोषणा के अलग-अलग मतलब निकाले जा रहे है।
यहां बता दें कि आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री दिल्ली शराब नीति मामले में जेल गए थे और जमानत पर कई शर्तों के साथ बरी हुए हैं।
रिहा होते ही केजरीवाल ने अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी और यह भी स्पष्ट किया कि उनके बदले कोई और AAP से ही सीएम होगा। ऐसे में सवाल यह उठता है कि केजरीवाल के इस्तीफे के बाद कौन चलाएगा दिल्ली, कौन होगा सिग्नेचर सीएम (Signature CM)। यह निर्णय आप के विधायक दल की बैठक में लिया जाना है।
अब सवाल यह है कि केजरीवाल इस्तीफा देकर क्या करना चाहते है। क्या वे अपनी छवि को दिल्ली की जनता के समक्ष मजबूत करना चाहते है, क्योंकि केजरीवाल ने इस्तीफे की घोषणा के दौरान कहा कि वे अब कुर्सी पर तभी बैठेंगे, जब दिल्ली की जनता चाहेगी। अर्थात् जब दिल्ली की जनता उन्हें अपने बहुमत से जिताएगी। उनका यह कदम दिल्ली की जनता का समर्थन भी जुटा सकता है। आगामी चुनाव में यह निर्णायक ‘वोट बैंक’ बन सकता है। चूंकि कोर्ट की शर्तों के मुताबिक वे न तो सीएम ऑफिस जा सकते हैं और न ही कहीं किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
राष्ट्रपति शासन का खतरा टला
ऐसे में दिल्ली के लिए उनकी प्रमुख नीतियों को लागू करना मुश्किल होता। जिससे आगामी चुनाव में उन्हें दिक्कतें आ सकती है। दूसरी ओर, इस फैसले से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन के लागू होने का खतरा भी टल गया। कुछ दिनों पहले ही बीजेपी ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की मुखालफत की थी। बीजेपी ने दिल्ली में संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को ज्ञापन सौंपा था, जिसमें राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की गई थी।
कौन हो सकता है अगला सीएम
अटकलों की मानें तो मुख्यमंत्री की रेस में पहला नाम केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का नाम सामने आ रहा है। पार्टी के मंत्रियों में से गोपाल राय और आतिशी के नामों की भी चर्चा है। आतिशी के पास पहले से ही शिक्षा, वित्त, लोक निर्माण व राजस्व विभाग का कार्यभार है। वहीं, गोपाल राय पार्टी के सीनियर नेता हैं। इनके अलावा कैलाश गहलोत और सौरभ भारद्वाज के नामों की भी अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी के एक अधिकारी का कहना है कि जब केजरीवाल जेल में थे, तब सुनीता ने ही दिल्ली, गुजरात व हरियाणा में चुनाव प्रचार का कार्यभार संभाला था। चुनाव के मद्देनजर कोई दलित या अल्पसंख्यक समुदाय का भी हो सकता है। ऐसे में मंत्री इमरान हुसैन भी हो सकते है।