कोलकाता: आरजीकर मेडिकल कॉलेज में एक लेडी ट्रेनी डॉक्टर से रेप और उसकी हत्या के मामले की आग अभी बुझी ही नहीं है कि एक और आरोप से पश्चिम बंगाल में हड़कंप मच गया है। दक्षिण कोलकाता के लेक थाना इलाके में बंदूक की नोंक पर आईएएस अधिकारी की पत्नी से रेप के आरोप को लेकर अब एक बार फिर पश्चिम बंगाल पुलिस पर सवालिया निशान लग गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच में पारदर्शिता को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जमकर फटकार भी लगाई है। कोर्ट ने इस मामले की जांच डिप्टी कमिश्नर लेवल के अधिकारी को सौंपते हुए आरोपी की जमानत याचिका रद्द कर दी है।
एक बार फिर सवालों के घेरे में ममता सरकार
कोर्ट के इस फैसले के आने के बाद एक बार फिर ममता सरकार सवालों के घेरे में आ गयी है। भाजपा ने ममता सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जमकर हमला किया है। बंगाल भाजपा का कहना है कि आरजीकर अस्पताल में हुई घटना के मामले की तरह इस मामले में भी सबूतों को दबाने की कोशिश की गई है।
कठघरे में पुलिस, शिकायत के बाद भी नहीं कराई मेडिकल जांच
आईएएस अधिकारी की पत्नी से रेप के मामले में पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगा है। कोर्ट में सवाल उठाया गया कि रेप की शिकायत दर्ज होने के बाद भी पीड़िता की मेडिकल जांच क्यों नहीं कराई गई। पिछले जुलाई में इस घटना में निचली अदालत के आदेश पर आरोपी जमानत पर था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपी की जमानत रद्द कर दी है। इसके साथ ही इस मामले की जांच अधिकारी का भी तबादला कर दिया गया है।
पीड़िता ने कहा-मामूली धाराओं में दर्ज की गई रिपोर्ट
पिछले जुलाई में लेक थाना इलाके में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करायी गयी थी। पीड़िता के आईएएस पति राज्य के बाहर कार्यरत हैं। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बावजूद शुरुआत में मामूली धारा पर एफआईआर दर्ज की गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस राजर्षि भारद्वाज ने कहा कि शुरू में एफआईआर कम धारा के तहत दर्ज होने के कारण मामला कमजोर हो गया था। उन्होंने पुलिस से पूछा कि जब पीड़िता ने कहा कि उन्हें थाने में धमकी दी गई तो सीसीटीवी फुटेज की जांच क्यों नहीं हुई और घटना के तुरंत बाद शिकायतकर्ता का मेडिकल क्यों नहीं कराया गया?
कोर्ट ने कहा-लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ करें कार्रवाई
कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपी की जमानत और अग्रिम जमानत खारिज कर दी, और मामले को कोलकाता पुलिस के उपायुक्त स्तर की एक महिला पुलिस अधिकारी को सौंपने का आदेश दिया है। इसके अलावा, कोलकाता के पुलिस आयुक्त को लेक पुलिस स्टेशन के ओसी, एक सब-इंस्पेक्टर, एक सार्जेंट और तीन महिला पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
क्या कहा भाजपा ने
इस फैसले के आने के बाद बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने एक्स पर लिखा है कि लालू प्रसाद के कार्यकाल में बिहार में एक आईएएस अधिकारी की पत्नी से रेप का आरोप लगा था, अब वहीं, आरोप पश्चिम बंगाल में लगा है। उन्होंने याद दिलाया, ममता बनर्जी और लालू प्रसाद यादव, दोनों वर्तमान में इंडिया गठबंधन के घटक दल है। उन्होंने इस मामले की तुलना आरजीकर से की है।
कोलकाता पुलिस के वकील ने कहा-पीड़िता ने खुद कराई मेडिकल जांच
कोलकाता पुलिस की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता वॉट्सएप मैसेज के जरिए रिपोर्ट की थी। शिकायतकर्ता ने बाद में शाम को करीब 6.30 बजे लिखित शिकायत दर्ज कराई। उसके आधार पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। चूंकि शिकायत दर्ज करने के दिन लेक थाने की पुलिस स्टेशन में कोई महिला पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं थी, इसलिए एक महिला अधिकारी को बुलाया गया था। उन्होंने पीड़िता के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग की है। वकील ने आगे यह भी दावा किया कि पीड़िता खुद ही सरकारी अस्पताल गई और पुलिस को मेडिकल रिपोर्ट सौंपी। उस रिपोर्ट में शरीर के विभिन्न हिस्सों पर चोटों का जिक्र था लेकिन कहीं भी खून बहने का जिक्र नहीं था।
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