नई दिल्ली: दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के वसंत कुंज के रंगपुरी इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना का खुलासा हुआ है। एक पिता ने अपनी चार दिव्यांग बेटियों के साथ सल्फास नामक जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली है।
अलग-अलग कमरों में मिले शव
इस घटना की जानकारी तब मिली जब पड़ोसियों को घर के अंदर से बदबू आई, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी जहां पांच सड़े गले शव अलग-अलग कमरे के बिस्तर पर पड़े हुए थे। इसमें आगे के कमरे के बिस्तर पर 50 वर्षीय पिता हीरालाल शर्मा और अंदर के कमरे में उनकी चार दिव्यांग बेटियों नीतू (26), निक्की (24), नीरू (23) और निधि (20) की लाशे पड़ी थी।
बिहार का रहने वाला था हीरालाल
हीरालाल मूल रूप से बिहार के छपरा जिले का रहने वाले थे और वह वसंत कुंज के इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में गत 28 वर्षों से कारपेंटर का काम किया करते थे। उन्हें 25000 रुपये प्रति माह वेतन मिलता था। पुलिस के प्राथमिक जांच में पिता ने अपनी चारों बेटियों को जहरीला पदार्थ खिलाकर पहले उनकी हत्या की और बाद में खुद भी जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। उनके घर से पुलिस ने सल्फास बरामद की। तत्काल पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सोमवार को डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा शवों का पोस्टमार्टम किया जाएगा।
डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस को रंगपुरी से एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई थी। जिसमें कॉलर ने बताया था कि उनका किराएदार कमरा नहीं खोल रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस को कॉलर नितिन चौहान मिला जिसने बताया कि उनके केयरटेकर मोहन सिंह ने उन्हें सूचित किया कि तीसरे तल पर सफाई के दौरान कमरा नंबर सी-4 से दुर्गंध आ रही है। दरवाजे पर दस्तक देने पर किराएदार ने दरवाजा नहीं खोला। इसके बाद, मालिक ने खुद दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। अंत में, उन्होंने पीसीआर कॉल की। दरवाजा अंदर से बंद था और पुलिस ने फायर ब्रिगेड टीम की मदद से दरवाजा खोला। फ्लैट में दो कमरे हैं। पहले कमरे में ही एक पुरुष मृत पाया गया, जबकि चार महिलाएं दूसरे कमरे में मृत मिलीं। पूछताछ में पता चला कि हीरालाल की पत्नी की पिछले साल ही कैंसर से मौत हो गई थी।
पत्नी की मौत के बाद मानसिक रूप से हुए बीमार
इसके बाद से ही वह मानसिक रूप से परेशान रह रहा था। यहां तक कि काम पर भी नियमित रूप से नहीं जा रहा था। पिछले साल कैंसर से पीडि़त होने के बाद उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। इस दौरान वह अपनी पत्नी के इलाज के कारण आर्थिक रूप से काफी तंगी में आ गए थे। इसके बाद पत्नी की मौत ने उन्हें तोड़ दिया था और अकेले कर दिया था। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे मृतक के भाई मोहन शर्मा और भाभी गुड़िया शर्मा ने बताया कि मृतक अपनी पत्नी की मौत के बाद से ही परिवार के मामलों में रुचि नहीं लेता था।
हीरालाल अपनी बेटियों के इलाज में व्यस्त रहता था। उस दौरान भी बेटियां कमरे से बाहर नहीं निकलती थीं। पत्नी के मौते के बाद उन चार दिव्यांग, जिसमें दो पूरी तरह से चलने फिरने में असमर्थ थी, वहीं एक को दिखाई नहीं देता था। उसकी देखभाल में मृतक हीरालाल पूरे दिन जुटे रहते थे। इसके कारण वह काम पर भी नहीं जा रहे थे और जनवरी 2024 से वह अपनी ड्यूटी पर नियमित रूप से जाने में असमर्थ हो गए थे। वे अपनी चार दिव्यांग बेटियों की देखभाल की जिम्मेदारी से भी काफी परेशान थे। संभवत: मानसिक रूप से परेशान रहने के कारण उन्होंने यह निर्णय लिया होगा। वैसे पुलिस को घर से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
आस पड़ोस से काफी कम बातचीत होती थी
मकान की चौथी मंजिल में यह परिवार किराये पर रहता था। चारों बेटियों के दिव्यांग होने और परेशानियों से जूझने की वजह से उनका आस-पास से लोगों के साथ कम ही घुलना मिलना था। ज्यादातर हीरालाल ही घर से बाहर आना जाना करते थे। पड़ोसियों के अनुसार हीरालाल को आखिरी बार 24 सितंबर को बाहर से आते हुए देखा गया था। घर में जाने के बाद वो बाहर किसी को भी नजर नहीं आए। वैसे प्राथमिक जांच में घर में किसी के जबरन घुसने या किसी के शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले हैं। फिर भी पुलिस सभी एंगल से जांच के साथ ही सोमवार को मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आने का इंतजार कर रही है।
जूस में सल्फास मिला कर पहले बेटियों को पिलाया होगा
मौके पर पहुंची क्राइम और फॉरेंसिक की टीम को जांच के दौरान घर से सल्फास की गोलियां मिली है। इसके साथ ही कमरे के कूड़ेदान से जूस के टेट्रा पैक और पानी की बोतलें भी मिली है। संभावना जताई जा रही है कि हीरालाल ने पहले जूस में सल्फास की गोलियां मिलाकर अपनी बेटियों को पिलाया होगा। उसके बाद खुद भी उसे पी लिया होगा। फॉरेंसिक की टीम उन टेट्रा पैक और पानी की बोतलों की भी जांच कर रही है।
बुराड़ी सामूहिक खुदकुशी की याद दिलाई
एक घर से पांच लाशें मिलने के बाद इस घटना ने बुराड़ी सामूहिक खुदकुशी मामले की याद दिला दी है। 1 जुलाई 2018 में बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों ने एक साथ फांसी लगाकर सामूहिक रूप से खुदकुशी कर ली। इस सामूहिक खुदकुशी मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।