फीचर डेस्क: आज, 3 अक्टूबर 2024 (गुरुवार) से मां दुर्गा को समर्पित शारदीय नवरात्रि का पर्व शुरू हो रहा है। इस दौरान 9 दिन तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा का विधान है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है, और इस दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, कलश स्थापना के लिए कई मुहूर्त हैं, जिनमें से दो विशेष रूप से शुभ माने गए हैं:
- पहला मुहूर्त: 3 अक्टूबर को सुबह 6:14 से 7:23 तक।
- दूसरा मुहूर्त: 3 अक्टूबर को सुबह 11:47 से 12:34 तक।
पूजा विधि
- सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- मिट्टी के बर्तन में मिट्टी और जौ के बीज डालें।
- कलश पर स्तिक का चिन्ह बनाएं और मौली बांधें।
- लोटे में जल और गंगाजल मिलाएं।
- एक पानी वाला नारियल लें, उसे लाल कपड़े से लपेटें और मौली बांधें।
- इस नारियल को कलश के बीच में रखें।
- धूप और दीप जलाएं, फिर देवी के मंत्रों का जाप करें।
मंत्र
- या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
- ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।
- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।
मां शैलपुत्री का भोग
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां शैलपुत्री को गाय के दूध से बनी चीजें भोग में चढ़ाना शुभ माना जाता है। आप दूध से बनी बर्फी या खीर जैसे भोग लगा सकते हैं।
शुभ रंग
नवरात्रि के पहले दिन का शुभ रंग पीला माना जाता है। इस दिन पीले कपड़े पहनकर मां शैलपुत्री की पूजा करें।
इस प्रकार, शारदीय नवरात्रि की शुरुआत करें और मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करें।