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Ranchi Assembly Seat को लेकर झामुमो-कांग्रेस की जिच खत्म, डॉ महुआ माजी होंगी उम्मीदवार

रांची की राजनीति में डॉ. महुआ माजी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

by Anand Mishra
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रांची : रांची में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और कांग्रेस के बीच प्रत्याशी चयन की खींचतान खत्म हो गई है। JMM ने रांची विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा सांसद डॉ. महुआ माजी का नाम घोषित किया है। डॉ. माजी, जो 2022 में राज्यसभा के लिए चुनी गई थीं, झारखंड की पहली महिला राज्यसभा सांसद हैं। अब वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी सीपी सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेंगी।

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने मंगलवार रात को विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची जारी की थी, जिसमें 35 प्रत्याशियों के नाम शामिल थे। हालांकि, रांची सीट को लेकर झामुमो और कांग्रेस के बीच चल रही जिच के कारण यहां के लिए उम्मीदवार का नाम पहले नहीं घोषित किया गया था। JMM के पहले सूची में पार्टी अध्यक्ष हेमंत सोरेन बरहेट से, कल्पना सोरेन गांडेय से, बसंत सोरेन दुमका से, और बेबी देवी डुमरी से चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया गया है। इस चुनाव में JMM 81 विधानसभा सीटों में से 41 पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।

डॉ. महुआ माजी की पिछली चुनावी पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो उन्हें वर्ष 2014 और 2019 में भी भाजपा के सीपी सिंह के खिलाफ उतारा गया था। 2014 में वह चुनाव हार गई थीं, जब वोटों का अंतर लगभग 50,000 था। हालांकि, 2019 में उनकी हार का अंतर घटकर करीब 5,000 वोट रह गया था, जो उनके बढ़ते समर्थन को दर्शाता है। यह संकेत देता है कि उनकी लोकप्रियता में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे JMM ने इस बार उन्हें उम्मीद के साथ चुनावी मैदान में उतारने का निर्णय लिया है।

रांची की राजनीति में डॉ. महुआ माजी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उनकी पहचान एक सक्षम नेता के रूप में बन चुकी है, और उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और समाज के कमजोर वर्गों के लिए लगातार आवाज उठाई है। उनका चुनावी अनुभव और पार्टी के प्रति वफादारी उन्हें एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है।

इस बार, रांची सीट पर डॉ. महुआ माजी को चुनौती देने के लिए सीपी सिंह भाजपा के प्रत्याशी हैं, जो पहले से ही इस क्षेत्र में एक स्थापित नेता हैं। भाजपा ने इस सीट पर अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए पूरी तैयारी की है, और उनकी चुनावी रणनीति को ध्यान में रखते हुए डॉ. माजी को मुकाबला करना होगा।

अब देखना यह होगा कि इस चुनावी मुकाबले में डॉ. महुआ माजी अपनी बढ़ती लोकप्रियता और अनुभव का सही इस्तेमाल कर पाएंगी या नहीं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह चुनाव न केवल रांची की राजनीति के लिए, बल्कि झारखंड की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। JMM की रणनीति और डॉ. महुआ माजी का चुनावी दृष्टिकोण इस चुनाव को और भी रोचक बनाने का काम करेगा।

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