रांची: पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत ने मंगलवार को टेंडर कमीशन घोटाला मामले में आरोपित निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम, उनकी पत्नी राजकुमारी देवी और भाई आलोक रंजन की डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज कर दिया।
आरोपितों पर आरोप गठित होने की प्रक्रिया
इस मामले में 22 नवंबर को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अब कोर्ट ने आरोपितों पर आरोप गठित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे पहले, आरोपितों ने 12 नवंबर को खुद पर लगे आरोपों से मुक्त होने के लिए डिस्चार्ज पिटीशन दाखिल किया था।2023 में ईडी द्वारा छापेमारी और गिरफ्तारीयह मामला 21 फरवरी 2023 को सामने आया, जब ईडी (इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट) ने वीरेंद्र राम और उनके सहयोगियों के 24 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
छापेमारी के दौरान 30 लाख कैश और 1.50 करोड़ रुपये की आभूषण बरामद किए गए थे। 22 फरवरी 2023 को पूछताछ के बाद वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया गया था।
वह 21 महीने जेल में रहने के बाद हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत पर बाहर आए हैं।