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Manoj Bihari Verma : बिहार के लाल को विदेश में मिला बड़ा जिम्मा, बने इस देश के राजदूत

मनोज बिहारी वर्मा का जन्म नक्सल प्रभावित टनकुप्पा गांव में हुआ, जहां जीवन हमेशा संघर्षों से भरा हुआ था।

by Rakesh Pandey
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गया: बिहार के गया जिले का टनकुप्पा गांव, जो कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र हुआ करता था, आज अपने एक नायक पर गर्व महसूस कर रहा है। यहां के एक साधारण किसान के बेटे, मनोज बिहारी वर्मा, ने न केवल अपनी कठिन परिस्थितियों को पार किया, बल्कि अपने अथक प्रयासों और संघर्ष के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हासिल की है। मनोज बिहारी वर्मा को हाल ही में लाइबेरिया गणराज्य, जो दक्षिण अफ्रीका में स्थित है, वहां भारतीय राजदूत के पद पर नियुक्त किया गया है।

बचपन से संघर्ष तक का सफर

मनोज बिहारी वर्मा का जन्म नक्सल प्रभावित टनकुप्पा गांव में हुआ, जहां जीवन हमेशा संघर्षों से भरा हुआ था। उनका परिवार बेहद गरीब था और उनके माता-पिता, रामेश्वर प्रसाद वर्मा और धनवंती देवी, किसान थे। इसके बावजूद, उन्होंने अपने बच्चों को शिक्षा देने में कोई कमी नहीं छोड़ी। मनोज ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही शिवराम भारती उच्च विद्यालय से प्राप्त की और मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की। इसके बाद, उन्होंने गया और अन्य स्थानों पर अपनी आगे की पढ़ाई की।

सफलता की ओर कदम

मनोज के जीवन में शिक्षा हमेशा एक प्रेरणा रही और उन्होंने बचपन से ही पढ़ाई में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वे विज्ञान में मेधावी छात्र रहे और स्नातक की डिग्री भी उन्होंने प्रथम श्रेणी से प्राप्त की। इसके बाद मनोज को कृषि मंत्रालय में पहली नौकरी मिली, लेकिन उनका सपना बड़ा था और वे विदेश मंत्रालय में काम करने के लिए आगे बढ़े। 1997 में उन्होंने विदेश मंत्रालय में नौकरी शुरू की और इसके बाद का उनका सफर और भी रोमांचक रहा।

मनोज बिहारी वर्मा ने सऊदी अरब, रूस, अमेरिका, सूडान और माली जैसे देशों में भारतीय मिशनों में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, पाकिस्तान-अफगानिस्तान-ईरान परभाग और प्रशासन विभाग जैसे विभागों में भी अहम जिम्मेदारियां निभाई। उनका काम न केवल प्रशासनिक बल्कि राजनीतिक, वाणिज्यिक और सांस्कृतिक मामलों में भी महत्वपूर्ण रहा।

एक नई जिम्मेदारी

मनोज बिहारी वर्मा की मेहनत और लगन का फल अब उन्हें लाइबेरिया गणराज्य में भारतीय राजदूत बनने के रूप में मिला है। वह जनवरी 2025 में इस पद पर कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले, 17 दिसंबर 2024 को वे तंजानिया से अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर भारत वापस लौटेंगे। मनोज की यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि उनके गांव और क्षेत्र के लिए भी गर्व की बात है।

परिवार और गांव के लिए प्रेरणा

मनोज बिहारी वर्मा का परिवार न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे इलाके के लिए प्रेरणा है। उनके माता-पिता ने गरीबी के बावजूद बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मनोज के अलावा, उनके परिवार के अन्य सदस्य भी प्रतिष्ठित पदों पर हैं। उनके भाई विनोद बिहारी वर्मा चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं, प्रेम प्रकाश वर्मा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में अकाउंटेंट हैं और आलोक रंजन वर्मा इनकम टैक्स विभाग में आईपीओ के पद पर कार्यरत हैं। इस प्रकार, मनोज बिहारी वर्मा और उनके परिवार के सदस्य क्षेत्र में एक मिसाल पेश कर रहे हैं।

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