पटना : बिहार में राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरमा गया है। इस बार आरजेडी (राजद) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पटना में राबड़ी देवी के आवास के बाहर एक नया पोस्टर लगा है, जिसमें नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना की गई है। पोस्टर में लिखा है, ‘नायक नहीं खलनायक हूं मैं’ और इस पोस्टर में नीतीश कुमार पर महिलाओं का अपमान करने, महात्मा गांधी और राष्ट्रगान का अपमान करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
राबड़ी आवास के बाहर लगातार दूसरे दिन पोस्टर
यह लगातार दूसरा दिन है, जब पटना में राबड़ी देवी के आवास के बाहर नीतीश कुमार के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं। पोस्टर लगाने का काम आरजेडी की महिला नेता संजू कोहली के नेतृत्व में किया गया, जो खुद को मखदुमपुर, जहानाबाद की पूर्व जिला पार्षद होने का दावा करती हैं। इस पोस्टर के जरिए नीतीश कुमार की सरकार की तीखी आलोचना की गई है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया गया है।
पोस्टर में क्या लिखा है
पोस्टर में बड़े अक्षरों में लिखा है कि ‘नायक नहीं खलनायक हूं मैं’, जो सीएम नीतीश कुमार को ‘खलनायक’ के रूप में प्रस्तुत करता है। पोस्टर में आरोप लगाया गया है कि नीतीश कुमार ने महिलाओं का अपमान किया है और उनके नेतृत्व में महिलाओं को सम्मान नहीं मिला। इसके अलावा, पोस्टर में महात्मा गांधी और राष्ट्रगान का अपमान करने का भी आरोप नीतीश कुमार पर लगाया गया है।
राजनीतिक हलचल और आरोपों की तफ्तीश
यह पोस्टर बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ लाने का संकेत दे रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के पास यह पोस्टर लगे होने से राज्य की सियासत में हलचल है। आरजेडी का आरोप है कि नीतीश कुमार की सरकार महिलाओं के प्रति अपमानजनक रवैया अपनाती है और वह महात्मा गांधी और राष्ट्रगान के प्रति भी सम्मान नहीं दिखाते।
नीतीश कुमार पर तुष्टीकरण के आरोप
इससे पहले बीजेपी ने नीतीश कुमार की सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया था और इस विवाद ने और अधिक राजनीतिक गर्मी पैदा कर दी है। हालांकि, नीतीश कुमार ने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया था और कहा था कि वह सबके विकास में विश्वास रखते हैं।
यह पोस्टर वार राजनीतिक रुख को और तीव्र कर सकता है, क्योंकि अब सियासी दल एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के माध्यम से चुनावी रणनीतियां तैयार करेंगे। बिहार में आगामी चुनावों के मद्देनजर यह विवाद और भी महत्वपूर्ण हो सकता है, और इसके असर को देखते हुए नीतीश कुमार की सरकार को अपनी छवि सुधारने का भी मौका मिल सकता है।

