Home » चीन को छोड़ सभी को मोहलत, ट्रंप का महा ऐलान—ड्रैगन पर 125% टैरिफ, बाकी देशों को 90 दिन की राहत

चीन को छोड़ सभी को मोहलत, ट्रंप का महा ऐलान—ड्रैगन पर 125% टैरिफ, बाकी देशों को 90 दिन की राहत

by Neha Verma
Donald -Trump- Tariff
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

वॉशिंगटन/बीजिंग: अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध अब और अधिक उग्र होता जा रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देर रात एक बड़ा ऐलान करते हुए चीन से आयातित वस्तुओं पर 125 फीसदी तक टैरिफ बढ़ाने का फैसला लिया है। ट्रंप प्रशासन के इस फैसले से वैश्विक बाजारों में हड़कंप मच गया है और ट्रेड वॉर को लेकर चिंताएं और गहरी हो गई हैं।

ट्रंप ने यह भी साफ कर दिया है कि यह सख्त कदम केवल चीन के लिए है। बाकी सभी देशों को 90 दिनों की मोहलत (pause period) दी जाएगी, ताकि उनके साथ व्यापारिक रिश्तों को फिर से संतुलित किया जा सके। यह फैसला व्यापार तनाव को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन ट्रंप ने ड्रैगन यानी चीन के खिलाफ अपनी कड़ी नीति जारी रखने के संकेत दे दिए हैं।

चीन की जवाबी कार्रवाई


ट्रंप के ऐलान से पहले चीन ने भी अमेरिका पर दबाव बढ़ाते हुए अमेरिकी उत्पादों पर 84 फीसदी तक टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। चीन की यह कार्रवाई अमेरिका के पहले से लगाए गए टैरिफ का जवाब मानी जा रही है। इस तरह दोनों देशों के बीच टैरिफ की यह ‘जंग’ अब खुलेआम सामने आ चुकी है।

ट्रंप की रणनीति क्या है?


ट्रंप प्रशासन की इस रणनीति का उद्देश्य चीन पर दबाव बनाकर उसे व्यापारिक अनुशासन में लाना है। अमेरिका का आरोप है कि चीन लंबे समय से अमेरिकी कंपनियों के साथ अनुचित व्यवहार करता आया है, तकनीकी चोरी करता है और व्यापार घाटे को बढ़ावा देता है।

बाकी देशों को राहत क्यों?


90 दिनों की मोहलत देकर अमेरिका यह दिखाना चाहता है कि उसका मकसद सिर्फ चीन के साथ जारी असंतुलन को ठीक करना है, न कि पूरी दुनिया के साथ व्यापार युद्ध छेड़ना। यह राहत अवधि देशों को अमेरिका के साथ अपने व्यापार संबंधों की समीक्षा और सुधार का अवसर देती है।

वैश्विक असर


ट्रंप के इस कदम का असर सिर्फ अमेरिका और चीन तक सीमित नहीं रहेगा। इससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ने की आशंका है। निवेशकों में घबराहट दिख सकती है और आपूर्ति श्रृंखला पर भी असर पड़ सकता है।
ट्रंप के इस ऐलान ने यह साफ कर दिया है कि अमेरिका अब व्यापार में ‘एकतरफा नुकसान’ नहीं सहने को तैयार नहीं है। चीन पर बड़ा दबाव बनाने के साथ ही बाकी देशों को मौका देकर ट्रंप प्रशासन अपने आर्थिक एजेंडे को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है।

Related Articles