रांची : झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी द्वारा दिया गया बयान — जिसमें उन्होंने शरीयत को संविधान से ऊपर बताया — अब एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन चुका है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस बयान को देश के संविधान का सीधा अपमान करार देते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी है।
बाबूलाल मरांडी का तीखा हमला
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मामले पर गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है, “मंत्री हफीजुल हसन का संविधान के स्थान पर शरीयत को प्राथमिकता देना न सिर्फ जनादेश का अपमान है, बल्कि यह संविधान का भी अपमान है। भाजपा और देश की जनता, बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।”
आक्रोश मार्च की घोषणा
बाबूलाल मरांडी ने आगे कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार इस तरह के बयानों से राज्य में शरीयत थोपने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर विषय को जनता के सामने लाने के लिए BJP राज्य के सभी जिलों में आक्रोश मार्च निकालेगी।
उठते सवाल
हफीजुल हसन का यह बयान उस समय सामने आया है जब देश में संविधान की सर्वोच्चता और धर्मनिरपेक्षता को लेकर बहसें चल रही हैं। इस बयान ने एक बार फिर यह प्रश्न खड़ा कर दिया है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में धार्मिक कानूनों को किस हद तक तरजीह दी जा सकती है।
सियासत में नई हलचल
उल्लेखनीय है कि मंत्री हफीजुल हसन के इस बयान ने झारखंड की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। जहां भाजपा इसे संविधान का अपमान मान रही है, वहीं हेमंत सरकार की ओर से अब तक इस बयान पर कोई औपचारिक सफाई नहीं आई है। अब देखना है इस मुद्दे पर आगे क्या रुख अपनाया जाता है और यह विवाद किस दिशा में जाता है।