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President Droupadi Murmu : इतिहास रचेंगी राष्ट्रपति मुर्मु : आज करेंगी सबरीमाला मंदिर में पूजा, मंदिर जाने वाली पहली भारतीय राष्ट्रपति बनेंगी

by Rakesh Pandey
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नई दिल्ली/पथानामथिट्टा : भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज केरल के सुप्रसिद्ध सबरीमाला श्री अयप्पा मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगी। इस ऐतिहासिक अवसर पर वह इस मंदिर में दर्शन करने वाली देश की पहली राष्ट्रपति बन जाएंगी। यह यात्रा देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक सबरीमाला मंदिर के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रही है।

Sabarimala Temple News Today : त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने दी पुष्टि

मंदिर प्रबंधन संस्था त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) ने राष्ट्रपति के दौरे की पुष्टि करते हुए इसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण बताया है। राष्ट्रपति केरल के दो दिवसीय दौरे पर हैं और इस यात्रा के अंतर्गत वह 19 मई 2025 को सबरीमाला मंदिर में दर्शन करेंगी।

Sabarimala Temple News Today : कैसे पहुंचेगीं राष्ट्रपति मुर्मु

राष्ट्रपति 19 मई की सुबह निलक्कल हेलीपैड पर उतरेंगी, जिसके बाद वे पंपा बेस कैंप पहुंचेंगी। यहां से दो रास्ते हो सकते हैं:

या तो पारंपरिक श्रद्धालुओं की तरह 4.25 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई कर मंदिर तक पहुंचेंगी,

या फिर आपातकालीन सड़क मार्ग से मंदिर में प्रवेश करेंगी। अंतिम निर्णय विशेष सुरक्षा समूह (SPG) द्वारा लिया जाएगा, जो राष्ट्रपति की सुरक्षा की देखरेख करता है।

Sabarimala Mein Pehli Rashtrapati : मंदिर दर्शन के लिए सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम

राष्ट्रपति की यात्रा के मद्देनजर 18 और 19 मई को आम श्रद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है।

वर्चुअल क्यू टिकट प्रणाली को भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया है।

सुरक्षा को लेकर कड़े इंतज़ाम किए गए हैं और मंदिर परिसर में सिर्फ अधिकृत व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।

मासिक अनुष्ठान के अंतिम दिन होगी यात्रा

मंदिर 14 मई को मलयालम माह ‘इदावम’ के मासिक अनुष्ठानों के लिए खोला गया था। राष्ट्रपति मुर्मु की यात्रा इन धार्मिक अनुष्ठानों के समापन के समय होगी, जिससे उनकी पूजा को विशेष महत्व दिया जा रहा है।

सबरीमाला मंदिर : आस्था, परंपरा और तपस्या का केंद्र

सबरीमाला मंदिर, केरल के पथानामथिट्टा जिले के पश्चिमी घाटों में समुद्र तल से 3,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह श्री अयप्पा को समर्पित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां हर साल करोड़ों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

परंपरा के अनुसार श्रद्धालु:

41 दिनों की कठोर तपस्या करते हैं,

और फिर पंपा नदी के तट से नंगे पांव चढ़ाई कर मंदिर पहुंचते हैं।

राष्ट्रपति का यह दौरा क्यों है महत्वपूर्ण

पहली बार कोई भारतीय राष्ट्रपति सबरीमाला मंदिर में पूजा करेगी।

यह यात्रा महिला सशक्तीकरण और सामाजिक समरसता के लिहाज से भी प्रतीकात्मक महत्व रखती है।

सुरक्षा, आस्था और परंपरा के संतुलन का उदाहरणात्मक आयोजन है।

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