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Jharkhand save water Initiative : ‘जलदूत’ बताएगा आपके गांव के कुएं का हाल, धनबाद में शुरू हुआ सर्वे

Jharkhand save water Initiative : मानसून से पहले हो रही कुओं सेहत की जांच, 'जलदूत' ऐप बनेगा मददगार

by Anand Mishra
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Dhanbad (Jharkhand) : पानी की कमी एक गंभीर समस्या गहराती जा रही है, और इससे निपटने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में, धनबाद जिले में जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यहां मानसून आने से पहले गांवों के कुओं का सर्वे किया जा रहा है ताकि उनकी मौजूदा स्थिति का पता चल सके। इस सर्वे का मकसद यह जानना है कि कुओं में कितना पानी है और मानसून के बाद इनमें कितना सुधार होता है। इस जानकारी के आधार पर कुओं को और बेहतर बनाने की योजना तैयार की जाएगी, जिससे वे अधिक से अधिक पानी जमा कर सकें और जल संरक्षण में अपना योगदान दे सकें। यह सर्वे केंद्रीय जल बोर्ड की तरफ से कराया जा रहा है, और इसके लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा विकसित ‘जलदूत’ नाम का मोबाइल ऐप इस्तेमाल किया जा रहा है।

धनबाद के 998 गांवों में 1688 कुओं की होगी पड़ताल

धनबाद जिले के लगभग 998 गांवों में कुओं के जलस्तर को मापने का काम शुरू हो चुका है। इस सर्वे में कुल 1688 कुओं को शामिल किया गया है। ग्रामीण विकास शाखा की अलग-अलग टीमें इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने में जुटी हैं। विभाग ने इस सर्वे को हर हाल में 13 जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। अच्छी खबर यह है कि अब तक 635 गांवों के कुओं का सर्वे कार्य सफलता पूर्वक पूरा कर लिया गया है।

केंद्रीय जल बोर्ड करेगा आंकड़ों का विश्लेषण, फिर होगा सुधार

इस सर्वे के बारे में जानकारी देते हुए मनरेगा के जिला परियोजना पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि ‘जलदूत’ ऐप में कुओं के जलस्तर, उनकी सही लोकेशन और तस्वीरों के साथ अन्य जरूरी जानकारी दर्ज की जाएगी। यह काम मानसून से पहले और मानसून खत्म होने के बाद, दो बार किया जाएगा। दोनों बार के आंकड़ों का विश्लेषण केंद्रीय जल बोर्ड करेगा। इसके बाद, हर कुएं की जरूरत के अनुसार उसमें जरूरी सुधार किए जाएंगे। इसका उद्देश्य यही है कि अगले मानसून के दौरान ये कुएं ज्यादा से ज्यादा पानी बचा सकें।

जलस्तर की गिरावट में धनबाद राज्य में दूसरे नंबर पर

केंद्रीय जल बोर्ड की झारखंड राज्य की रिपोर्ट की मानें तो धनबाद के कुओं का जल स्तर काफी नीचे चला गया है, लगभग 15.7 मीटर तक की गिरावट दर्ज की गई है। जिले के 11 इलाके तो ऐसे हैं जो ‘ड्राई जोन’ यानी सूखे क्षेत्र में आ चुके हैं। यही वजह है कि जल स्तर में गिरावट के मामले में धनबाद राज्य का दूसरा सबसे प्रभावित जिला है। इस सर्वे के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों से यह समझने में मदद मिलेगी कि आखिर इस गिरावट के क्या कारण हैं और भविष्य में जल संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।

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