RANCHI (JHARKHAND) : झारखंड सरकार द्वारा 10 जून से 26 जून तक चलाए गए विशेष नशा मुक्ति अभियान का समापन 26 जून को अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर हुआ। रांची में हुए भव्य समापन समारोह में राज्य के पर्यटन, कला, संस्कृति, खेल एवं युवा कार्य मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। इस 17 दिवसीय अभियान का मुख्य उद्देश्य राज्य में नशे के खिलाफ जन-जागरूकता फैलाना और युवाओं को नशा मुक्त जीवन के लिए प्रेरित करना था। मंत्री ने कहा कि प्रत्येक जिले में नशा करने वालों के लिए पुनर्वास और काउंसलिंग केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही, स्कूल-कॉलेजों में नशा मुक्ति क्लब गठित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। नशा एक सामाजिक बुराई है और इसे जड़ से समाप्त करना हमारा संकल्प है।
अभियान से लोगों को किया जागरूक
राज्यभर में नुक्कड़ नाटक, प्रभातफेरी, रैलियों, संगोष्ठियों और संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से आम लोगों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। इस अभियान में स्कूल-कॉलेजों के छात्र, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधि सक्रिय रूप से शामिल हुए। विशेष रूप से रांची जिला प्रशासन ने अभियान को गंभीरता से लिया और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए।
जागरूकता दौड़ रही आकर्षण का केंद्र
मोरहाबादी मैदान से अल्बर्ट एक्का चौक तक ‘जागरूकता दौड़’ आयोजित की गई, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने हिस्सा लिया। नशा छोड़ो नारे के साथ युवाओं ने शहरवासियों को जागरूक करने का संदेश दिया।
नशा मुक्त झारखंड की ली शपथ
समापन कार्यक्रम में पर्यटन मंत्री के अलावा पर्यटन सचिव मनोज कुमार, गृह सचिव वंदना दादेल, रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री, खेल विभाग के अधिकारी और कई गणमान्य मौजूद रहे। इस अवसर पर दौड़ प्रतियोगिता के अव्वल विजेताओं को सम्मानित किया गया और सभी उपस्थित लोगों को नशा मुक्त झारखंड बनाने की सामूहिक रूप से शपथ दिलाई गई।
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