Ranchi (Jharkhand) : श्री शिव बारात आयोजन महासमिति आगामी 27 जुलाई को रांची में बाल कांवड़ यात्रा का भव्य आयोजन करने जा रही है। पहाड़ी मंदिर में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया। श्री शिव बारात आयोजन महासमिति पहाड़ी मंदिर के अध्यक्ष राजेश साहू की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यात्रा की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
नक्षत्र वन से पहाड़ी मंदिर तक निकलेगी यात्रा
बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि इस वर्ष भी हर वर्ष की भांति श्री शिव बारात आयोजन महासमिति पहाड़ी मंदिर की ओर से विशाल बाल कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जाएगा। यह यात्रा 27 जुलाई को नक्षत्र वन, जो कि राज्यभवन के समीप स्थित है, से शुरू होकर रातू रोड के रास्ते पहाड़ी मंदिर तक जाएगी। यहां सभी छोटे-छोटे बच्चे, जो गेरुआ वस्त्र धारण किए होंगे, पैदल चलकर भगवान महाकाल पर जलाभिषेक करेंगे।
5 से 12 वर्ष के बच्चे होंगे शामिल
इस धार्मिक यात्रा में जलाभिषेक करने वाले बच्चों की उम्र 5 वर्ष से लेकर 12 वर्ष तक होगी। इस वर्ष की बाल कांवड़ यात्रा कई आकर्षक और जीवंत झांकियों से सुसज्जित होगी। इसके साथ ही ढोल-नगाड़े और डीजे की मधुर ध्वनि यात्रा को और भी भक्तिमय बनाएगी। बाल शिव एक विशेष रथ पर सवार होकर यात्रा में आकर्षण का केंद्र होंगे।
भव्य और विशेष होगा इस वर्ष का आयोजन
महासमिति के अध्यक्ष राजेश कुमार साहू ने इस अवसर पर कहा कि इस वर्ष का आयोजन बहुत ही विशेष और भव्य होगा। उन्होंने बताया कि यात्रा को सफल बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं और अधिक से अधिक बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
बच्चों को सनातनी धर्म से जोड़ने का प्रयास
महासमिति के प्रवक्ता बादल सिंह ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि बाल कांवड़ यात्रा का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सनातन धर्म की महानता और परंपराओं के बारे में जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से बच्चे धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लेंगे। उन्होंने रांची के सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को इस पवित्र और महत्वपूर्ण यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में शामिल करें, ताकि उनमें धर्म के प्रति आस्था और श्रद्धा का भाव जागृत हो सके। बैठक में मुख्य रूप से अध्यक्ष राजेश साहू, प्रवक्ता बादल सिंह, मीरा गुप्ता, मुरारी मंगल, राजीव वर्मा, पुजारी कबीर बाबा, मनोज मिश्रा समेत महासमिति के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे और उन्होंने यात्रा को सफल बनाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
Read also : Jharkhand Tourism: झारखंड का मलूटी गांव : 108 मंदिरों की विरासत, जहां आस्था और इतिहास साथ चलते हैं

