रांची/धनबाद: झारखंड सरकार ने झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) से चयनित 22 विशेषज्ञ डॉक्टरों और चिकित्सा अधिकारियों को अंतिम चेतावनी जारी की गई है। इन डॉक्टरों को 22 और 23 जुलाई को रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है। ये सभी डॉक्टर या तो नियुक्ति के बाद ज्वाइन नहीं किए या कुछ दिन सेवा देने के बाद पोस्ट से गायब हो गए।
राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने शनिवार को इस संबंध में अंतिम नोटिस जारी किया है। विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि यह इन अधिकारियों के लिए सरकारी सेवा में शामिल होने का आखिरी मौका है।
JPSC चयन के बाद पोस्टिंग, लेकिन कई डॉक्टर नदारद
विभाग की अधिसूचना के मुताबिक, इन 22 चिकित्सकों को JPSC द्वारा चयनित कर 2020 और 2023 में राज्य के विभिन्न जिला स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित किया गया था। इसके बावजूद, इनमें से कई ने कभी ज्वाइन ही नहीं किया, जबकि कुछ ने कुछ दिन सेवा देने के बाद से अनुपस्थिति रहें।
30 मई को हुई थी सुनवाई, अब अंतिम मौका
स्वास्थ्य विभाग ने पहले इन सभी को 30 मई 2025 को आयोजित सुनवाई में अपनी अनुपस्थिति का कारण बताने का अवसर दिया था। जो डॉक्टर उस समय उपस्थित हुए थे, उन्हें अब संबंधित दस्तावेजों के साथ 22 या 23 जुलाई को रांची स्थित नेपाल हाउस में रिपोर्ट करने को कहा गया है।
रिमोट लोकेशन और निजी प्रैक्टिस की ओर झुकाव
सूत्रों के अनुसार, इन डॉक्टरों का
ज्वाइन नहीं करने का प्रमुख कारण दूरस्थ क्षेत्रों में कठिन सेवा शर्तें और असुविधाजनक पोस्टिंग है। कई डॉक्टरों ने सरकारी सेवा को छोड़कर निजी क्षेत्र में प्रैक्टिस करना अधिक लाभकारी समझा।
जिन डॉक्टरों को अंतिम चेतावनी मिली है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
• डॉ. अंशुमाली (बुंडू अस्पताल, रांची)
• डॉ. ऋत्विक रोहिणी, डॉ. कुमार अभिषेक, डॉ. प्रतिभा झा, डॉ. मिताली झा (सभी बोकारो के विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित)
• डॉ. विनीत कुमार (धनबाद)
• डॉ. रंजीत कुमार रजक (चतरा)
• डॉ. अब्दुल जाफर (दुमका)
• डॉ. शशिकांत कुमार (गिरिडीह)
• डॉ. नैंसी टिग्गा (गुमला)
• डॉ. पीयूष आनंद (जामताड़ा)
• डॉ. श्रेयांश शुभम (लातेहार)
• डॉ. रवि आनंद (पलामू)
• डॉ. रत्नेश्वर बोडरा (साहेबगंज)
• डॉ. श्रेयसी चैताली एका (सिमडेगा)
• डॉ. रचयिता विजय सुंद्रम (रामगढ़)
• डॉ. अभिजीत आनंद (पश्चिम सिंहभूम)
• डॉ. रोहित कुमार महतो (पूर्वी सिंहभूम)
• डॉ. हीरालाल राम (चतरा)
• डॉ. एम. नईमुद्दीन, डॉ. रामकृष्ण झा (पाकुड़)
सरकार का कड़ा संदेश: रिपोर्ट नहीं की तो सेवा रद्द
विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि इन डॉक्टरों ने अंतिम तिथि तक रिपोर्ट नहीं की, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और संभवतः उनकी नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी।
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