Gorakhpur (Uttar Pradesh) : 26वीं वाहिनी पीएसी (Gorakhpur PAC News) गोरखपुर महिला रिक्रूट्स से अभद्रता करने वाला पीटीआई निलंबित, ADG ने कैमरा की बात को बताया अफवाह, गोरखपुर में प्रशिक्षण ले रही महिला पुलिस रिक्रूट्स से अभद्र व्यवहार और असुविधाओं की शिकायत पर प्रशिक्षु पीटीआई (Physical Training Instructor) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई बुधवार को हुई जब महिला रिक्रूट्स ने जल व विद्युत आपूर्ति बाधित होने के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
Gorakhpur PAC News : महिला रिक्रूट्स का प्रदर्शन और आरोप
शाहपुर क्षेत्र स्थित PAC परिसर में ट्रेनिंग ले रही करीब 600 महिला रिक्रूट्स ने बुधवार सुबह बाथरूम और पानी की समस्याओं को लेकर विरोध जताया। यह विरोध कुछ ही देर में गेट पर सड़क जाम तक पहुंच गया। प्रदर्शनकारियों ने आईटीसी प्रभारी पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन और PAC के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाइश देकर रिक्रूट्स को परिसर में वापस भेजा।
ADG PAC का बयान : “कैमरे की बात अफवाह”
घटना के बाद एडीजी पीएसी (ADG PAC) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व ट्विटर) पर स्पष्ट किया कि, “बाथरूम में कैमरा लगाए जाने की बात पूरी तरह निराधार और भ्रामक है। तकनीकी कारणों से विद्युत आपूर्ति बाधित हुई थी, जिससे पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई। अब समस्या का समाधान कर दिया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस महिला आरक्षियों की गरिमा, निजता और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें आधुनिक सुविधाएं और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित कराया जाता है।
Gorakhpur PAC News : आधुनिक सुविधाओं से लैस है PAC परिसर
PAC परिसर में 11 मंजिला बैरक टॉवर का निर्माण कराया गया है जिसमें लिफ्ट, आधुनिक टॉयलेट, डायनिंग हॉल, लॉबी किचन और रिक्रिएशन हॉल जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इन सभी व्यवस्थाओं के बावजूद महिला रिक्रूट्स द्वारा बिजली और पानी की समस्या के चलते विरोध प्रदर्शन किया गया।
अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की चेतावनी
ADG PAC (Gorakhpur PAC News) गोरखपुर महिला रिक्रूट्स से अभद्रता करने वाला पीटीआई निलंबित, ADG ने कैमरा की बात को बताया अफवाह) ने चेताया कि अनुशासनहीनता या झूठी खबरें फैलाने वालों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग सोशल मीडिया पर अफवाहें फैला रहे हैं, वे पुलिस की छवि को धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।