RANCHI: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड आंदोलन के पुरोधा दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की खबर से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शिबू सोरेन न केवल एक राजनेता थे, बल्कि झारखंड की आत्मा के प्रतीक माने जाते थे। उन्होंने झारखंड आंदोलन को सशक्त नेतृत्व प्रदान किया और आदिवासी समाज, जल, जंगल और जमीन के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। वे तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और आठ बार सांसद चुने गए। साथ ही, केंद्र में मंत्री के रूप में भी उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

उनके निधन पर समाहरणालय परिसर में वरीय पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने गहरा शोक व्यक्त किया। सभा के दौरान दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। इसी प्रकार, सिविल सर्जन कार्यालय में भी सभी कर्मियों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शिबू सोरेन की राजनीतिक और सामाजिक विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी। उनके योगदान को झारखंड कभी नहीं भूल सकता। राज्य के कोने-कोने से उन्हें श्रद्धांजलि देने का सिलसिला जारी है।
रांची नगर निगम में भी शोक सभा
दिशोम गुरु शिबू सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। रांची नगर निगम के सभागार में आयोजित शोक सभा में निगम परिवार द्वारा दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। राज्य सरकार के निर्णय के आलोक में निगम कार्यालय दो दिनों के लिए बंद रहेगा।
