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Jharkhand: शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार का कार्यक्रम तय: रांची से नेमरा तक सम्मान यात्रा, 5 अगस्त को अंतिम विदाई

Demise of Shibu Soren: विधानसभा परिसर में सुबह 10 बजे होगा श्रद्धांजलि कार्यक्रम, नेमरा गांव में दोपहर बाद अंतिम संस्कार.

by Reeta Rai Sagar
Former CM Passed Away
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Ranchi: झारखंड सरकार ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और आदिवासी समाज के नायक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के अंतिम संस्कार एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम का विस्तृत शेड्यूल जारी किया है। इस संबंध में मंत्रिमंडल समन्वय एवं निगरानी विभाग की ओर से रांची और रामगढ़ जिलों के प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं।

झारखंड सरकार की ओऱ से जारी आदेश में कहा गया है कि आज शाम दिल्ली से गुरुजी का पार्थिव शरीर रांची पहुंचेगा, जहां से उन्हें सीधे मोरहाबादी स्थित उनके सरकारी आवास लाया जाएगा।

5 अगस्त को सुबह 10 बजे विधानसभा में अंतिम दर्शन

राजकीय सम्मान के साथ दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को 5 अगस्त की सुबह 10 बजे झारखंड विधानसभा परिसर ले जाया जाएगा। यहां मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि और अधिकारीगण उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद लगभग दोपहर 12 बजे उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से पैतृक गांव नेमरा (गोला प्रखंड, जिला रामगढ़) ले जाया जाएगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

मोरहाबादी से नेमरा तक होगी सम्मान यात्रा

दोनों जिलों के डीसी और एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे मोरहाबादी आवास से विधानसभा और विधानसभा से नेमरा गांव तक सम्मानपूर्वक पार्थिव शरीर ले जाने की सभी तैयारियां समय रहते पूरी करें। साथ ही श्रद्धांजलि कार्यक्रम और अंत्येष्टि से संबंधित सुरक्षा, यातायात और श्रद्धालुओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

झामुमो कार्यालय ले जाने पर अब भी असमंजस

हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पार्टी कार्यालय में पार्थिव शरीर को ले जाया जाएगा या नहीं। लेकिन ऐसी संभावना जताई जा रही है कि मोरहाबादी आवास से विधानसभा या विधानसभा से नेमरा के बीच में कुछ समय के लिए झामुमो मुख्यालय पर भी पार्थिव शरीर को ले जाया जा सकता है, ताकि पार्टी कार्यकर्ता भी अंतिम दर्शन कर सकें।

राज्य सरकार ने तैयारियां शुरू कीं

राज्य सरकार ने शिबू सोरेन की अंतिम यात्रा को ऐतिहासिक और गरिमामय बनाने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। प्रशासनिक स्तर पर सुरक्षा से लेकर अंतिम दर्शन तक की बारीकी से तैयारी की जा रही है ताकि दिशोम गुरु को आदिवासी समाज, पार्टी कार्यकर्ता और आम जनता सम्मान के साथ अंतिम विदाई दे सकें।

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