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Former CM Prithviraj Chawan : सनातन संस्था को ‘आतंकवादी’ कहने पर पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण को 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस!

by Rakesh Pandey
अभय वर्तक, प्रवक्ता, सनातन संस्था
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मुंबई : सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने कहा कि हाल ही में मालेगांव बम विस्फोट मामले का निर्णय आया, जिसके बाद कांग्रेस द्वारा फैलाए गए ‘भगवा आतंकवाद’ के षड्यंत्र का पर्दाफाश हो गया। इसके तुरंत बाद सफाई देते हुए कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि ‘भगवा आतंकवाद’ नहीं, बल्कि इसे ‘हिंदू आतंकवाद’ या ‘सनातनी आतंकवाद’ कहा जाना चाहिए। इसके बाद सफाई देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने सनातन धर्म को नहीं, बल्कि सनातन संस्था को ‘आतंकवादी संगठन’ कहा है। यह बयान पूरी तरह से झूठा, निराधार और भ्रामक है। इस पर सनातन संस्था के ट्रस्टी वीरेंद्र मराठे की ओर से पृथ्वीराज चव्हाण को 10 करोड़ रुपये की मानहानि का कानूनी नोटिस भेजा गया है।

इसके साथ ही, सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने चेतावनी दी है कि पृथ्वीराज चव्हाण को संस्था से सार्वजनिक रूप से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

इस नोटिस में पृथ्वीराज चव्हाण से 15 दिनों के भीतर लिखित माफी मांगने, मूल इंटरव्यू जितनी ही प्रमुखता से वह माफी प्रसारित करने, भविष्य में कोई भी अपमानजनक बयान न देने और 10 हजार रुपये विधिक खर्च की भरपाई करने की मांग की गई है। संस्था के मानद विधिक सलाहकार तथा मुंबई उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रामदास केसरकर ने नोटिस में कहा है कि पृथ्वीराज चव्हाण के वक्तव्य से सनातन संस्था की छवि धूमिल हुई है तथा हजारों साधकों की भावनाएं आहत हुई हैं। यदि यह नोटिस प्राप्त होने पर भी उत्तर नहीं दिया गया, तो पृथ्वीराज चव्हाण पर फौजदारी और दिवानी मुकदमे न्यायालय में दायर किए जाएंगे।

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए अभय वर्तक ने आगे कहा कि पृथ्वीराज चव्हाण आज कह रहे हैं कि ‘भगवा’ महाराष्ट्र की मराठी संस्कृति, छत्रपति शिवाजी महाराज, संत ज्ञानेश्वर से लेकर सभी संतों और वारकरियों का पवित्र भगवा ध्वज है। इसलिए कोई भी ‘भगवा आतंकवाद’ न कहे, ऐसा वे कांग्रेस नेताओं से अनुरोध कर रहे हैं; लेकिन जब मालेगांव का मामला सामने आया था, उस समय कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, सुशीलकुमार शिंदे आदि नेताओं ने भरपूर ‘भगवा आतंकवाद’ कहकर हिंदुओं को अपमानित किया। तब चव्हाण को यह ध्यान क्यों नहीं आया कि ‘भगवा’ तो छत्रपति शिवाजी महाराज का है, संतों का है। इतने वर्षों तक क्या वे सो रहे थे।

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