

रांची: झारखंड की राजनीति और शिक्षा जगत के लिए आज का दिन गहरे दुख का दिन साबित हुआ। राज्य के स्कूली शिक्षा एवं निबंधन मंत्री और घाटशिला विधानसभा से झामुमो विधायक रामदास सोरेन का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में भर्ती थे, जहां डॉक्टरों की टीम ने उन्हें बचाने के लिए निरंतर प्रयास किए, लेकिन आज उन्होंने अंतिम सांस ली।

झामुमो और समर्थकों में गहरा शोक
झामुमो के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस दुखद खबर की पुष्टि की। उन्होंने लिखा—
“राज्य के स्कूली शिक्षा एवं निबंधन मंत्री माननीय रामदास सोरेन जी अब हमारे बीच नहीं रहे। यह हमारे लिए अपूरणीय क्षति है।”
उन्होंने 2 अगस्त से चल रहे इलाज के दौरान अस्पताल के डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों का आभार जताते हुए कहा कि ईश्वर की इच्छा के आगे सभी असहाय रहे।


राजनीतिक सफर और योगदान
रामदास सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक मजबूत, जमीनी और लोकप्रिय नेता थे। घाटशिला विधानसभा से कई बार निर्वाचित होकर उन्होंने अपने क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शिक्षा मंत्री के रूप में उनका मुख्य फोकस रहा—

स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
शिक्षा के बुनियादी ढांचे का विकास
पंजीयन सेवाओं में पारदर्शिता और सुगमता
राज्यभर में संवेदनाओं की बाढ़
मंत्री के निधन की खबर सुनते ही पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई। झामुमो नेताओं, कार्यकर्ताओं, विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
अंतिम संस्कार की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, मंत्री का पार्थिव शरीर दिल्ली से उनके पैतृक आवास लाया जाएगा। आमजन को अंतिम दर्शन का अवसर दिया जाएगा और इसके बाद पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
