

VIVEK SHARMA, RANCHI : राजधानी रांची के दूसरे सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल सदर अस्पताल में अब मरीजों को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की जांच के लिए प्राइवेट लैब्स के चक्कर नहीं लगाने होंगे। स्वास्थ्य विभाग ने यहां अत्याधुनिक डिजिटल पेट-सीटी स्कैन मशीन लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह जिला स्तर का देश का पहला सरकारी अस्पताल होगा, जहां इस प्रकार की हाईटेक मशीन स्थापित की जाएगी। मशीन का संचालन पीपीपी मोड पर किया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही इसे अस्पताल में लगा दिया जाएगा। मशीन लगाने के लिए विभाग ने टेंडर निकाला था। इसमें 2 कंपनियों ने इंट्रेस्ट दिखाया है।

जांच में खर्च से मिलेगी राहत
पेट-सीटी स्कैन मशीन खासतौर पर कैंसर मरीजों के लिए बेहद कारगर मानी जाती है। कैंसर के स्टेज, फैलाव और इलाज की प्रभावशीलता को मापने के लिए यह जांच जरूरी होती है। अभी तक मरीजों को यह जांच कराने के लिए प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटरों या दूसरे राज्यों की लैब्स पर निर्भर रहना पड़ता था। प्राइवेट लैब्स में पूरे शरीर की पेट-सीटी स्कैन का चार्ज 18,000 से 24,000 रुपये तक होता है, जिसे हर मरीज वहन नहीं कर पाता। कैंसर के मरीजों को हर तीन से छह महीने पर यह टेस्ट कराना पड़ता है। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों पर भारी बोझ पड़ता है। सरकारी अस्पताल में यह सुविधा शुरू होने के बाद गरीब और मध्यमवर्गीय मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी।

अन्य बीमारियों की भी होगी पहचान
हालांकि पेट-सीटी स्कैन मशीन का सबसे ज्यादा उपयोग कैंसर जांच में किया जाता है, लेकिन यह मशीन न्यूरो और हृदय रोगों की पहचान में भी कारगर साबित होती है। इससे डॉक्टरों को मरीजों की स्थिति की सटीक जानकारी मिलेगी और बेहतर इलाज की योजना बनाई जा सकेगी।

सरकारी अस्पताल में नहीं थी सुविधा
अब तक सरकारी क्षेत्र के किसी भी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल या बड़े अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी। मरीजों को या तो प्राइवेट लैब्स पर निर्भर रहना पड़ता था या फिर बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था। रांची सदर अस्पताल में यह सुविधा शुरू होने से न केवल झारखंड, बल्कि आसपास के राज्यों के मरीजों को भी लाभ मिलेगा।
राज्य का हेल्थ स्ट्रक्चर होगा मजबूत
झारखंड लंबे समय से स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की हाईटेक मशीन का सरकारी अस्पताल में लगना न केवल मरीजों को सस्ती जांच उपलब्ध कराएगा, बल्कि राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को भी मजबूती देगा। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि सदर हॉस्पिटल में जिस तरह से सुविधाएं बधाई जा रही है, वह मरीजों के लिए वरदान से कम नहीं है। दूसरे राज्य भी सदर हॉस्पिटल को फॉलो कर रहे हैं।
