

Ranchi News : मानगो के आजाद बस्ती रोड नंबर 14 के रहने वाले सैयद अर्शियान उर्फ हैदर के लिए इंटरपोल ने रेड कार्नर नोटिस जारी किया है। यह रेड कार्नर नोटिस सीबीआई के अनुरोध पर जारी किया गया है। रेड कार्नर नोटिस जारी होने के बाद अब अर्शियान की गिरफ्तारी की संभावना प्रबल हो गई है। अभी अर्शियान तुर्किए में है और अब इंटरपोल उसकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है।
अर्शियान पर आठ साल पहले आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ाव का आरोप लगा था। इसी आरोप में अर्शियान के भाई को सऊदी अरब से प्रत्यर्पित कर दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि अभी अलकायदा के एक बड़े आतंकी जोलानी ने सीरिया बशर असद का तख्ता पलट कर सरकार बनाई है। इस सरकार को अमरीका व यूरोपीय देशों का समर्थन प्राप्त है। गौरतलब है कि पूर्व में भी कई लोगों को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। मगर, उनके खिलाफ कोर्ट में सुबूत पेश नहीं किया जा सका। इसके चलते कई संदिग्ध माने वाले वाले युवक कोर्ट के आदेश पर रिहा कर दिए गए।

सीबीआई के अनुरोध पर रेड कार्नर नोटिस
अर्शियान कभी जमशेदपुर का एक सामान्य छात्र था। अब उस पर वैश्विक आतंकवाद में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। अर्शियान को पकड़ने के लिए भारतीय एजेंसियां कई साल से प्रयासरत हैं। अब उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी हो पाया है। बताया जा रहा है कि अर्शियान अभी दुनिया में एक बड़ा नाम बन चुका है। उस पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए आत्मघाती ड्रोन और छोटी दूरी की मिसाइलें बनाने का आरोप है। इसी के चलते सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है। करीब 40 वर्षीय अर्शियान को आतंकी नेटवर्क में तकनीकी विशेषज्ञ माना जाता है, जिसने आतंकी समूहों को और खतरनाक बना दिया है। बताया जा रहा है कि वह वर्ष 2017 से र्की में छिपा हुआ है और वहीं से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से की पढ़ाई
अर्शियान ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। 2005 में वह बैंगलुरु गया, जहां कुछ महीनों तक एक मदरसे में रहा, लेकिन उस समय कोई आतंकी संबंध सामने नहीं आए। इसके बाद 2008 में वह सऊदी अरब के दम्मम चला गया, जहां एक सॉफ्टवेयर डेवलपर की नौकरी करते हुए उसकी मुलाकात चेचन मूल की बेल्जियम नागरिक अलीना हैदर से हुई। दोनों ने विवाह किया और एक बेटी भी है।

दम्माम में बना जिहादी गतिविधियों का केंद्र
आरोप है कि वर्ष 2012 से 2015 के बीच दम्माम स्थित उसका घर जिहादी सोच रखने वाले भारतीयों का अड्डा बन गया था। उसी दौरान उसकी मुलाकात मौलवी अब्दुल रहमान अली खान से हुई, जो आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था। रिपोर्ट के अनुसार अर्शियान ने मौलवी अब्दुल रहमान को यूएई के रास्ते पाकिस्तान भेजने के लिए पैसे भी दिए, ताकि वह लश्कर के वरिष्ठ आतंकियों से मिल सके। अर्शियान को कथित तौर पर अल-कायदा के लिए भी भारतीय युवाओं की भर्ती का जिम्मा सौंपा गया था।
2017 में भाई की गिरफ्तारी
2017 में अर्शियान के भाई जीशान अली हैदर को सऊदी अरब से प्रत्यर्पित कर दिल्ली में गिरफ्तार किया गया था।
क्या होता है रेड कॉर्नर नोटिस?
रेड कॉर्नर नोटिस एक अंतरराष्ट्रीय चेतावनी है, जिसे इंटरपोल ऐसे व्यक्ति के खिलाफ जारी करता है, जो किसी देश में कानून तोड़कर फरार हो गया हो। यह किसी देश की पुलिस को उस व्यक्ति को खोजने और अस्थायी रूप से गिरफ्तार करने में सहयोग करने का आह्वान होता है। यह सीधा गिरफ्तारी वारंट नहीं होता, लेकिन यह दिखाता है कि व्यक्ति कानूनी रूप से भगोड़ा है।
