

RANCHI (JHARKHAND): रांची जिले के नदी, तालाब, डैम के अलावा अन्य जल स्रोतों के संरक्षण तथा उनके आसपास हो रहे अतिक्रमण को हटाने की दिशा में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने की। बैठक का उद्देश्य शहर के जल स्रोतों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करना और उन्हें अतिक्रमण से मुक्त कर संरक्षित करना था। ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस बैठक में उपायुक्त ने हरमू, हिनू, भूसुर नदी के साथ-साथ कांके, हटिया एवं गेतलसूद डैम समेत अन्य प्रमुख जल स्रोतों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि पहले से चिन्हित अतिक्रमणकारियों को तत्काल हटाया जाए। जिन लोगों को नोटिस जारी किया जा चुका है, उन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

जल क्षेत्र की भूमि पर अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं
उपायुक्त ने कहा कि सभी जल स्रोतों को उनके मूल राजस्व नक्शे के अनुसार चिन्हित कर वहां से अतिक्रमण हटाया जाए। उन्होंने विशेष रूप से पंचशील नगर क्षेत्र का उल्लेख करते हुए वहां की स्थिति की भी समीक्षा की और निर्देश दिया कि जल क्षेत्र की भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अंचल अधिकारियों के लिए तैयार करें रोस्टर
उन्होंने अपर समाहर्त्ता रांची को निर्देशित किया कि सभी अंचल अधिकारियों के लिए एक रोस्टर तैयार किया जाए, ताकि वे अपने-अपने क्षेत्र में नियमित रूप से अतिक्रमण विरोधी अभियान चला सकें। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि जल स्रोतों के संरक्षण की दिशा में प्रशासन गंभीर है और नागरिकों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे इसमें सहयोग करें। उपायुक्त ने कहा, जल स्रोत न केवल जीवन के लिए, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी अत्यंत आवश्यक हैं। हमारा लक्ष्य है कि रांची के सभी जल स्रोतों को अतिक्रमण से मुक्त कर संरक्षित किया जाए।

बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में सदर अनुमंडल पदाधिकारी उत्कर्ष कुमार, नगर निगम रांची के अधिकारी, पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता और अंचल अधिकारी कांके, ओरमांझी, अनगड़ा, बड़गाईं, शहर, अरगोड़ा, हेहल, रातू, नगड़ी एवं नामकुम उपस्थित थे।
