RANCHI: राजधानी के दूसरे सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल सदर हॉस्पिटल में मरीजों को फंगस वाली दवा बांटने का मामला सामने आया है। इसका खुलासा तब हुआ जब मरीज के परिजन ने अधिकारियों से लिखित शिकायत की है। इतना ही नहीं शिकायत में बताया गया कि टैबलेट में फंगस जैसा कुछ दिख रहा है। जो किसी भी मरीज की सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। इसके बाद सदर हॉस्पिटल के डीएस डॉ बिमलेश सिंह ने स्टॉक से दवा मंगाकर जांच की। रैंडम जांच में भी पैरासिटामोल के दो स्ट्रिप में टैबलेट में काले धब्बे दिख रहे हैं। इसके बाद हॉस्पिटल प्रशासन हरकत में आया और तत्काल उस दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया गया है।
क्या है शिकायत में
सदर अस्पताल की फार्मेसी से मिली पैरासिटामॉल की दवा में फंगस लगा था। ज्योति शर्मा ने 9 अक्टूबर को डीएस को लिखित शिकायत दी है। शिकायत में कहा गया है कि 8 अक्टूबर को उन्होंने अस्पताल की फार्मेसी से पैरासिटामॉल (Parasev-650) की स्ट्रिप ली थी। पैक खोलने पर गोलियों पर फंगस दिखाई दिया। जिससे दवा की गुणवत्ता और सुरक्षा से इनकार नहीं किया जा सकता। शिकायतकर्ता ने बताया कि स्ट्रिप पर बैच नंबर नहीं था, हालांकि एक्सपायरी डेट नवंबर 2026 अंकित थी। उन्होंने दवा की स्ट्रिप और पैकेजिंग सुरक्षित रखी है।
सदर अस्पताल के डीएस डॉ बिमलेश सिंह ने बताया कि एक टैबलेट को लेकर शिकायत मिली है। उस बैच के और भी टैबलेट मंगा कर देखा गया है। पूरे बैच के टैबलेट की तत्काल इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। वहीं मामले में ड्रग इंस्पेक्टर सदर को जांच का आदेश दिया गया है।