Ranchi (Jharkhand) : बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच, झारखंड में सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने अब महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) के सामने अपनी शर्तों और दावों को मजबूती से रखना शुरू कर दिया है। जेएमएम ने स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार में गठबंधन के साथ तो है, लेकिन यह साथ ‘सम्मानजनक सीट बंटवारे’ पर निर्भर करेगा।
शनिवार को पार्टी के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कैंप कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए यह कड़ा संदेश दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि बिहार में जो भी सम्मानजनक सीटें जेएमएम के हिस्से में आएंगी, उन पर ही पार्टी महागठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा, “अगर हमें सम्मानजनक सीटें नहीं मिलीं, तो जेएमएम हाथ में हाथ धरकर बैठने वाला नहीं है।” यह बयान स्पष्ट रूप से जेएमएम के अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी का संकेत देता है।
झारखंड में भाजपा को हराकर साबित कर चुके हैं अपनी ताकत
सुप्रियो भट्टाचार्य ने अपनी मांगों के पक्ष में झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जेएमएम ने झारखंड चुनाव में भाजपा जैसे मजबूत दल के खिलाफ चुनाव लड़कर जीत हासिल की है और यह साबित कर दिया है कि पार्टी चुनाव लड़ना जानती है।
उन्होंने आगे कहा कि चाहे बिहार चुनाव हो या घाटशीला का आगामी चुनाव, जेएमएम ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि झारखंड चुनाव में महागठबंधन के घटक दलों, चाहे वह राजद हो, कांग्रेस हो या भाकपा माले, को जेएमएम ने पिछली दो बार सम्मानजनक सीटें दी थीं।
‘जब हमने परोस कर दिया, तो अब परोस कर ही लेंगे’
सुप्रियो भट्टाचार्य ने बिहार के गठबंधन नेताओं को अतीत के सहयोग की याद दिलाते हुए एक प्रतीकात्मक लेकिन महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा, “बिहार के गठबंधन नेताओं को यह समझना होगा कि जब हमने झारखंड चुनाव में (सीटें) परोस कर दी थीं, तो अब बिहार चुनाव में झामुमो भी परोस कर ही लेगा।” यह बयान स्पष्ट रूप से सीट बंटवारे में बराबर या उससे अधिक हिस्सेदारी की मांग को दर्शाता है। जेएमएम के महासचिव ने बताया कि उन्होंने बिहार में गठबंधन के नेताओं से आग्रह किया है कि उन्हें उनकी हिस्से की सीटें जल्द से जल्द आवंटित की जाएं।
महागठबंधन धर्म का किया पालन
भट्टाचार्य ने पिछले झारखंड विधानसभा चुनाव में जेएमएम द्वारा निभाए गए ‘महागठबंधन धर्म’ का भी विस्तार से जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इसी धर्म का पालन करते हुए जेएमएम ने राजद को झारखंड में सात सीटें दी थीं, जबकि राजद को इनमें से केवल एक सीट पर ही जीत हासिल हुई थी।
यहां तक कि जीत के बाद भी, गठबंधन धर्म को निभाते हुए जेएमएम ने राजद के उस इकलौते विधायक को अपनी सरकार में पूरे पांच वर्षों तक मंत्री बनाकर रखा। जेएमएम अब चाहता है कि बिहार में राजद और कांग्रेस सहित अन्य घटक दल भी इसी निष्ठा और सम्मान के साथ अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।