Chaibasa (Jharkhand) : झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले में सड़क दुर्घटनाओं में लगातार हो रही मौतों को लेकर होने वाले विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है। सदर चाईबासा अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) संदीप अनुराग टोपनो के आदेश से परिवहन मंत्री और सदर विधायक दीपक बिरुआ के आवास समेत कई सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों के आवासों के आसपास निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।
एसडीओ संदीप अनुराग टोपनो ने जानकारी बताया कि समाजसेवी रमेश बालमुचू और अन्य लोगों ने आगामी 27 अक्टूबर (सोमवार) को NH-220 और NH-75E पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं के विरोध में मंत्री दीपक बिरुआ के आवास के सामने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन और जुलूस आयोजित करने की सूचना दी थी।
26 अक्टूबर की रात 8 बजे से आदेश प्रभावी
प्रशासन ने आशंका जताई है कि इस अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन और जुलूस से क्षेत्र में विधि-व्यवस्था एवं शांति भंग होने की संभावना है। इसी के मद्देनजर, मंत्री श्री बिरुआ के आवास के सामने शांति बनाए रखने के लिए भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता-2023 की धारा-163 लागू की गई है।
सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने बताया कि यह निषेधाज्ञा मंत्री दीपक बिरुआ के आवास के समक्ष, अन्य सभी सरकारी कार्यालयों, सरकारी आवासों एवं खुंटकाटी मैदान के 200 मीटर की परिधि के अंतर्गत लागू की गई है। यह आदेश 26 अक्टूबर की रात 8:00 बजे से धरना प्रदर्शन व जुलूस की समाप्ति तक प्रभावी रहेगा।
इन गतिविधियों पर रहेगी सख्त रोक
किसी भी प्रकार के हरवे-हथियार जैसे लाठी, डंडा, भाला, गड़ासा, तीर-धनुष आदि लेकर निकलना या चलना।
किसी प्रकार का अग्नेयास्त्र, अस्त्र-शस्त्र, या विस्फोटक पदार्थ लेकर चलना।
सक्षम पदाधिकारी की अनुमति के बिना किसी प्रकार की बैठक, धरना-प्रदर्शन एवं सभा का आयोजन।
ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर) का व्यवहार करना।
नजायज मजमा, जुलूस निकालना, मीटिंग करना तथा सरकारी आवासों का घेराव करना।
बिना अनुमति एक साथ पाँच या इससे अधिक व्यक्तियों का एकत्रित होना एवं मजमा बनाना।
एसडीओ ने स्पष्ट किया कि यह निषेधाज्ञा केवल कर्तव्य पर तैनात पुलिस कर्मियों और उन समुदायों पर लागू नहीं होगी, जो अपने वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार शस्त्र धारण करते हों।


