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Ghatshila By-Election 2025 : Babulal Marandi ने हेमंत सरकार पर साधा निशाना, बोले- घाटशिला उपचुनाव राज्य सरकार को सबक सिखाने का अवसर

• दामपाड़ा हाट मैदान में BJP का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित, नेता प्रतिपक्ष ने कहा-"इंडी ठगबंधन" निर्लज्ज बनकर मांग रहा वोट, झारखंड की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी लूट और माफियागिरी...

by Anand Mishra
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Ghatshila (Jharkhand) : भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शनिवार को घाटशिला के दामपाड़ा हाट मैदान में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य की हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा। मरांडी ने इस उपचुनाव को राज्य सरकार को सबक सिखाने का अवसर बताते हुए कार्यकर्ताओं से राजग उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन को भारी मतों से जीत दिलाने का अपील की।

विकास नहीं, केवल लूट हुई है : मरांडी

बाबूलाल मरांडी ने कार्यकर्ताओं से आह्वान करते हुए कहा कि भले ही इस उपचुनाव से राज्य में सरकार नहीं बदलनी है, लेकिन यह लूट, भ्रष्टाचार, दलाली और माफियागिरी कर रही हेमंत सरकार को सबक सिखाने का एक बड़ा मौका है। उन्होंने कहा कि “पिछले छह वर्षों से सत्ता सुख भोग रहा इंडी ठगबंधन अब निर्लज्ज ठगबंधन बन चुका है और ये लोग निर्लज्जता से उपचुनाव में फिर जनता से वोट मांग रहे हैं।”

मरांडी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पूरे घाटशिला क्षेत्र में बांग्लादेशी और रोहिंग्या हेमंत सरकार के संरक्षण में बसाए जा रहे हैं, जिससे क्षेत्र की डेमोग्राफी बदल रही है। उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में राज्य में कोई विकास नहीं हुआ, बल्कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संरक्षण में दलाल और बिचौलिए राज्य के बालू, लोहा, कोयला और अन्य खनिज लूट रहे हैं।

केंद्र की योजनाओं को रोक रही हेमंत सरकार

नेता प्रतिपक्ष ने राज्य की व्यवस्था को बदहाल बताते हुए कहा कि आज अस्पतालों में न दवाई है, न डॉक्टर, न नर्स और न ही एंबुलेंस है। स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। गरीबों के वृद्धा पेंशन और दिव्यांग पेंशन तक बंद हैं और ‘मईयां सम्मान योजना’ की राशि भी रोहिंग्या और बांग्लादेशी लूट रहे हैं। गरीबों को घर बनाने के लिए बालू नहीं मिल रहा है, क्योंकि गरीबों के ट्रैक्टर थानेदार पकड़ लेते हैं, जबकि दलाल-बिचौलियों के हाइवा पर पुलिस कभी कार्रवाई नहीं करती, क्योंकि उनसे थाना पुलिस की मिलीभगत है।

दर-दर की ठोकरें खा रहे युवा

मरांडी ने युवाओं के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि आज राज्य का युवा दर-दर की ठोकरें खा रहा है, क्योंकि नौकरी रातों-रात बिक रही है और परीक्षाएं रद्द हो जाती हैं। उन्होंने सवाल किया कि “युवाओं को न नौकरी मिल रही है, न बेरोजगारी भत्ता। आदिवासियों की जमीन लूटी जा रही है और बहन-बेटियां असुरक्षित हैं। फिर हेमंत सोरेन किस मुंह से अपने आप को ‘अबुआ सरकार’ का मुखिया बोलते हैं?”

बाबूलाल मरांडी ने अंत में कहा कि झारखंड के आदिवासी, मूलवासी, दलित और पिछड़े सभी की चिंता अगर किसी ने की है तो वह भारतीय जनता पार्टी है, जिसने अटल जी के नेतृत्व में अलग राज्य बनाया और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार झारखंड के विकास और आदिवासी मूलवासी के सम्मान की चिंता कर रही है, जिसे हेमंत सरकार रोकने में लगी रहती है।

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