Home » यूजीसी, ईईसी ने जादवपुर विश्वविद्यालय, जामिया हमदर्द को प्रतिष्ठित संस्थान का दर्जा नहीं देने की सिफारिश

यूजीसी, ईईसी ने जादवपुर विश्वविद्यालय, जामिया हमदर्द को प्रतिष्ठित संस्थान का दर्जा नहीं देने की सिफारिश

by Rakesh Pandey
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

नयी दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और विशेषज्ञों की एक समिति ने प्रतिष्ठित संस्थान Institute Of Eminence (IOE) के दर्जे के लिए केंद्र द्वारा चयनित जादवपुर विश्वविद्यालय और जामिया हमदर्द को आईओई के रूप में मान्यता नहीं देने की सिफारिश की है। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा तमिलनाडु सरकार ने अन्ना विश्वविद्यालय को आईओई का दर्जा देने के अपने पहले के प्रस्ताव को वापस ले लिया है। शिक्षा मंत्रालय ने सशक्त विशेषज्ञ समिति (ईईसी) और यूजीसी की सिफारिशों पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है।

विशेषज्ञों की समिति ने जादवपुर और जामिया हमदर्द को लेकर किया बड़ा फैसला

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के विश्वविद्यालय जादवपुर विश्वविद्यालय ने शुरू में योजना के तहत 3,299 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान का एक प्रस्ताव पेश किया था। मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से मुहैया कराई जाने वाली राशि के लिए वित्तीय प्रतिबद्धता मांगी थी क्योंकि इस योजना में प्रस्तावित बजट प्रावधान के लिए केवल 1,000 करोड़ रुपये तक की निधि मुहैया कराये जाने और धनराशि कम पड़ने की स्थिति में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए निधि की निरंतरता सुनिश्चित करने का प्रावधान है।

अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार इस पर सहमत नहीं हुई और उसने प्रस्ताव में बदलाव किया। पहले इसे 1,015 करोड़ रुपये और फिर इसे और भी कम करके 606 करोड़ रुपये किया गया, जिसकी 25 प्रतिशत राशि विश्वविद्यालय द्वारा अपने स्तर पर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव था। बजट प्रावधान में उल्लेखनीय कमी के मद्देनजर यह प्रस्ताव फिर से समीक्षा के लिए यूजीसी और ईईसी के पास भेजा गया था।

READ ALSO : JSSC Exam Calendar 2023 : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने जारी की परीक्षाओं की संभावित तिथि, जानिए कब होगी कौन सी परीक्षा और कब आएगा परिणाम

विश्वविद्यालयों ने अभी तक नहीं दी है कोई प्रतिक्रिया

शिक्षा मंत्रालय से विश्वविद्यालय को आईओई का दर्जा नहीं दिए जाने की सिफारिश की गई है, लेकिन तीनों विश्वविद्यालयों ने इस मामले में ने अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

Related Articles