लखनऊ: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के नजदीक आते ही सभी पार्टियां चुनाव की तैयारियों में जुट गयी हैं। इस क्रम में समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) फॉर्मूला को धार देते हुए रविवार को उत्तर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी इकाई के गठन की घोषणा कर दी।
नई प्रदेश कार्यकारिणी में वरिष्ठ सपा सदस्य मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को प्रदेश सचिव बनाया गया है। इसके अलावा इरफानुल हक, सीएल वर्मा, श्यामपाल बिंद और आरएस बिंद इसमें उपाध्यक्ष होंगे जबकि राजकुमार मिश्रा कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं।
इसके अलावा 61 सचिव, 48 सदस्य और 62 विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।182 सदस्यीय प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा अखिलेश यादव की मंजूरी के बाद की गई है।
वहीं अब्दुल्ला आजम व इरफानुल अक को अहम पद दिए जाने से यह साफ हो गया है कि सपा अपने कोर मुस्लिम वोट वैंक को साधे रखना चाहती है। क्योंकि यूपी में अगर मुस्लिम वोटकर की बात करें तो वे सबसे अधिक सपा को ही वोट करते आए हैं। ऐसे में पार्टी भी उन्हें खुश रखना चाहती है।
2022 में अखिलेश यादव ने सभी राष्ट्रीय व प्रांतीय इकाइयों को कर दिया था भंग:
विदित हो कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी की राष्ट्रीय और प्रांतीय इकाइयों समेत सभी संगठनों की कार्यकारिणी भी भंग कर दी थी और सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को बरकरार रखा था। लेकिन लोकसभा चुनाव आते देख सपा ने संगठन को मजबूत बनाने पर फोकस किया है।
हाल ही में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पिछड़े वर्ग, दलित और अल्पसंख्यक के संयोजन के रूप में “पीडीए फॉर्मूला” पेश किया था। उनका मानना है कि ‘पीडीए फॉर्मूला’ की मदद से अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पराजित किया जा सकता है।
पार्टी का फोकस, पिछड़े, दलित व अल्पसंख्यक को आगे लाना है: राजेंद्र चौधरी
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कार्यकारिणी में पीडीए फार्मूले के बारे में बताते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने काडर को उचित महत्व देने की कोशिश करते हुए सूची में ‘पीडीए’ (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) को आगे बढ़ाया है।